- आरोपियों से पूछताछ में हुआ खुलासा, 15 लाख में मोखा ने खरीदे थे इंजेक्शन
जबलपुर। नकली रेमडेसिविर मामले में गुजरात से लाये गये चारों आरोपियों ने एसआईटी की पूछताछ में अहम खुलासे किये है। दरअसल नकली इंजेक्शन फैक्ट्री संचालक कौशल बोरा व पुनीत शाह ने अपने ऊपर हुए कर्ज को चुकाने के लिये नमक और ग्लूकोज से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर उन्हें खंपाकर करोड़ों कमाये थे। इसके लिये आरोपियों ने मुंबई से इंजेक्शन की शीशियां खरीदी थी। इतना ही नहीं आरोपियों ने 7 सौ के करीब इंजेक्शन इंदौर व 5 सौ इंजेक्शन जबलपुर में खपाये। जो कि 15 लाख रुपये में मोखा ने खरीदे थे, जिसे उसके किसी रिश्तेदार ने ट्रेवल्स के माध्यम से यहां पहुंचाये थे।
उल्लेखनीय है कि नकली रेमडेसिविर मामले में गुजरात से विगत दिनों एसआईटी की टीम आरोपी कौशल बोरा, पुनीत शाह, भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन व सुनील मिश्रा को शहर लेकर पहुंची थी। जिसके बाद आरोपियों से हुई पूछताछ में परत दर परत नई-नई जानकारियां निकलकर सामने आ रही है। एसआईटी की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी सुनील मिश्रा ऑनलाईन दवा की खरीदी करता था, वहीं आरोपी कौशल व पुनीत भी ऐसे लोगों की तलाश में थे, जिन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की अधिक जरूरत हो। उसी दौरान सुनील से उनका ऑनलाईन के माध्यम से संपर्क हुआ। जिसके बाद सुनील ग्राहकों की तलाश में जुट गया, उसी दौरान एक दवा दुकान से सुनील मिश्रा का नंबर सिटी अस्पताल के कर्मी देवेश को मिला। वहीं आरोपी सपन जैन का कहना है कि उसे सुनील का नंबर सिटी अस्पताल के कर्मी देवेश ने उपलब्ध कराया, उसने इंजेक्शन खरीदने के लिये तीन हजार रुपये में सौदा तय किया।
5 सौ इंजेक्शन खरीदे मोखा ने
सूत्रों की माने तो आरोपियों ने एसआईटी को जानकारी देते हुए बताया कि इसी बीच सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने पांच सौ इंजेक्शनों की जरूरत बतायी। जिस पर आरोपी सपन ने इंदौर के एमआर अपने दोस्त राकेश शर्मा के माध्यम से 15 लाख रुपये में सुनील से उक्त इंजेक्शन खरीदे थे।
35 इंजेक्शन कर दिये पार
आरोपी राकेश ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शनों की बढ़ती डिमांड के मद्देनजर उसने पांच सौ में से 35 इंजेक्शन निकाल लिये थे और मोखा के कहने पर 465 इंजेक्शन उसके किसी रिश्तेदार को दोनों कार्टून सौंप दिये थे। जिसे नहीं पता था कि कार्टूनों में क्या है। इसके बाद उक्त रिश्तेदार ने अम्बे टे्रवल्स के माध्यम से 23 व 27 अप्रैल को उक्त नकली इंजेक्शन के कार्टून जबलपुर भिजवाए, जहां से देवेश दोनों काटूर्नाे को लेकर सिटी अस्पताल पहुंचा।
15 लाख के लेनदेन की तफ्तीश शुरु
नकली इंजेक्शनों के लिये दी गई 15 लाख रुपये की राशि भुगतान किस तरह के किसके मार्फत हुआ, अब इस मामले की पतासाजी की जा रहीं है। बताया जा रहा है कि सपन के कहने पर राकेश शर्मा के मार्फत सुनील मिश्रा को उक्त राशि दी गई थी।