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किसानों को उपार्जन के दौरान न हो कोई परेशानीः किदवई

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में खरीफ वर्ष 2021-22 का उपार्जन धान 15 नवम्बर से 15 जनवरी और मोटे अनाज के लिए 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2021 तक किया जाना है। इसके लिये समर्थन मूल्य धान कॉमन के लिए 1940 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार हाईब्रिड 2738 रुपये तथा बाजरा 2250 रुपये निर्धारित किया गया है। किसानों को उपार्जन के दौरान कोई परेशानी न हो, इसके लिये उपार्जन की सभी व्यवस्थाएं समय रहते पूर्ण कर ली जाएं।

यह निर्देश खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने शुक्रवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में उपार्जन की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना, प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम तरुण पिस्तोर, संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण दीपक सक्सेना सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रमुख सचिव किदवई ने समीक्षा के दौरान कहा कि किसानों के पंजीयन के समय ही उनके आधार नम्बर भी लिए जाएँ। इसके साथ ही जिन किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है उन्हें लिंक कराने की कार्रवाई भी अभियान के रूप में की जाए। इसके साथ ही उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण वारदानों की व्यवस्था एवं परिवहन प्लान भी समय रहते तैयार किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि किसानों के पंजीयन के साथ-साथ उनकी फसलों का भौतिक सत्यापन भी अवश्य रूप से करा लिया जाए। प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर पर्याप्त संख्या में वारदाना, इलेक्ट्रोनिक तौल-कांटा उपलब्ध कराने के साथ-साथ किसानों के लिये पेयजल, बैठक व्यवस्था आदि की व्यवस्थायें भी सुनिश्चित कर ली जाएं।

किदवई ने यह भी कहा कि गोदाम स्थल पर ही खरीदी केन्द्र बन सके, ऐसी व्यवस्था भी सभी जिलों में की जाए। परिवहन का प्लान तैयार कर समय रहते सभी व्यवस्थायें चाक-चौबंद कर ली जाएँ। उड़नदस्ते का गठन भी किया जाए। इसके साथ ही खरीदी के साथ-साथ किसानों के भुगतान की व्यवस्था समय रहते हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की भी विस्तार से समीक्षा की गई। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को समय पर खाद्यान्न निर्धारित मात्रा में उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पर सतत निगरानी करने के साथ ही जिला अधिकारियों को भी निरीक्षण के लिये जिम्मेदारी देने की बात कही गई। प्रमुख सचिव किदवई ने कहा कि प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के पास कम से कम 60 दिन का खाद्यान्न भण्डारण करने की क्षमता हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

किदवई ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उचित मूल्यों की दुकानों के क्रियान्वयन में महिला स्व-सहायता समूहों को भी भागीदार बनाया जाए। समूह की महिलाओं को भी उचित मूल्य की दुकानों का संचालन सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि नवीन परिवारों का सत्यापन कर उन्हें राशन उपलब्ध कराने की कार्रवाई भी तत्परता से हो। इसके साथ ही अपात्र लोगों को सूची से हटाने का कार्य भी किया जाए।

बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि सीएम हैल्पलाइन में उचित मूल्य दुकानों के क्रियान्वयन की जो शिकायतें प्राप्त होती हैं उस पर तत्परता से कार्रवाई की जाए। शिकायत अगर सही पाई जाए तो संबंधित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाए।

बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना ने संभाग में किसानों से उपार्जन के लिए की गई तैयारियों के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को समय पर निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न की उपलब्धता के संबंध में भी की गई गतिविधियों से अवगत कराया।

प्रबंध संचालक तरुण पिस्तोर ने उपार्जन के संबंध में जिलेवार समीक्षा की और शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के संबंध में बताया। ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिले में की गई तैयारियों की जानकारी दी। इसके साथ ही सभी जिलों में उपार्जन एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किए जा रहे कार्यों के संबंध मंन जिला कलेक्टरों ने बताया। (एजेंसी, हि.स.)

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