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आज के दिन नियमपूर्वक मां संतोषी का व्रत करना अत्यंत फलदायी, जानें महत्‍व

आज का दिन शुक्रवार है और आप तो जानते ही होंगें की आज का दिन माता लक्ष्‍मी को स‍मर्पित है लेकिन आप यह नही जानतें होंगे की शुक्रवार के दिन माता लक्ष्‍मी के साथ माता संतोषी (Mother Santoshi) का व्रत भी रखा जाता है । शुक्रवार के दिन माता संतोंषी (Mother Santoshi) की संपूर्ण विधि विधान से पूजा की जाती है । व्रत (fast) की इस विधि को 16 शुक्रवार (Friday) व्रत भी कहा जाता है, जिसमें कुल 16 लगातार शुक्रवार (Friday) के लिए उपवास करते हैं। शुक्रवार (Friday) को उपवास भोर से शुरू होता है और शाम को खत्म होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता संतोषी (Mother Santoshi) का संपूर्ण विधि विधान से व्रत करना अत्यंत फलदायी होता है और इस व्रत के पालन से घर में सुख समृद्धि आती है। आज इस लेख के माध्‍यम से हम आपको बतानें जा हरें हैं मां संतोषी (Mother Santoshi) व्रत का महत्‍व और पूजा विधि के बारें में तो आइये जानतें हैं ।

व्रत का महत्त्व (Importance of fast)
शुक्रवार (Friday) के व्रत के स्पष्ट कारणों में से एक है कि उस दिन माता संतोषी (Mother Santoshi) का जन्म हुआ था। कुछ लोग माता संतोषी (Mother Santoshi) को शक्ति या शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजते हैं जो उनके सभी दुख और चिंताओं को दूर कर सकती हैं। इसी तरह, अन्य लोग अपने जीवन से बाधाओं को दूर करने, अपने बच्चों को स्वस्थ रखने और एक खुशहाल पारिवारिक जीवन जीने के लिए शुक्रवार का उपवास करते हैं।



शुक्रवार (Friday) को व्रत करने और इसी दिन माता संतोषी (Mother Santoshi) की पूजा करने की अवधारणा के पीछे एक सच्ची कहानी है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान गणेश के पुत्र, शुभ और लाभ, रक्षा बंधन के रिवाज के महत्व को समझना चाहते थे और वे एक छोटी बहन की इच्छा रखते थे। इस प्रकार, भगवान गणेश (Lord Ganesha) ने माता संतोषी (Mother Santoshi) को बनाया। माता संतोषी ने अपने बड़े भाइयों की इच्छाओं को पूरा किया, इसलिए उनका नाम संतोषी रखा गया ।

ऐस करें माता संतोंषी की पूजा
पूजा करने से पूर्व जल से भरे पात्र के ऊपर एक कटोरी में गुड़ और भुने हुए चने रखें। दीपक जलाएं और व्रत कथा कहते समय हाथों में गुड़ और भुने हुए चने रखें। दीपक के आगे या जल के पात्र को सामने रख कर कथा प्रारंभ करें तथा कथा पूरी होने पर आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं। संतोषी माता (Mother Santoshi) के अनुष्ठानों के दौरान, पहली प्रार्थना माता संतोषी (Mother Santoshi) के पिता भगवान गणेश (Lord Ganesha) और माता रिद्धि-सिद्धि (Mata riddhi-siddhi) के लिए करनी चाहिए।

संतोषी माता (Mother Santoshi) आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं और व्यवसाय में सफलता लाती हैं। देवी से संतान, व्यापार में लाभ, आमदनी में वृद्धि, भावनाओं और दुखों को दूर करने की प्रार्थना करें। इस दिन पूरे दिन भोजन ग्रहण न करें। 16 शुक्रवार (Friday) तक नियम पूर्वक व्रत करें और शुक्रवार (Friday) को व्रत के दौरान फलाहार ग्रहण करें। भोजन में घर में खट्टी खाद्य सामग्रियों का उपभोग न करें और परिवार जनों को भी खट्टे भोजन से दूर रहना चाहिए।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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