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सितंबर माह का पहला शनि प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

हिंदू धर्म में, भगवान शिव की आराधना के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि अति उत्तम मानी गई है। इस तिथि को व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। त्रयोदशी व्रत (Trayodashi fasting) को प्रदोष व्रत भी कहते हैं। हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत आता है। ये व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है। पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से लम्बी आयु का वरदान प्राप्त होता है। प्रदोष व्रत जब शनिवार के दिन पड़ता है उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। शनि प्रदोष का व्रत करने वालों को भगवान शिव के साथ-साथ शनि की भी कृपा भी प्राप्त होती है। इस बार 4 सितंबर को शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh fast) पड़ रहा है।

शनि प्रदोष 2021 पूजा मुहूर्त
आज 4 सितंबर को शनि प्रदोष व्रत की पूजा (worship) के लिए शाम को 02 घंटे 16 मिनट का समय मिलेगा। शनि प्रदोष व्रत की पूजा आज शाम को 06 बजकर 39 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट के बीच की जा सकती है। इस समय व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर लेनी चाहिए। अन्यथा प्रदोष काल का पुण्य नहीं मिलेगा।

शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि-
शनि प्रदोष व्रत में शाम का समय शिव पूजन के लिए अच्छा माना जाता है। इस दिन सभी शिव मन्दिरों में शाम के समय प्रदोष मंत्र के जाप किए जाते हैं। शनि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें।


इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं। शनि की आराधना के लिए सरसों के तेल का दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। एक दीया शनिदेव के मंदिर में जलाएं। व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करें।

शनि प्रदोष व्रत का महत्व-
शनि प्रदोष व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। शनि प्रदोष का व्रत करने वालों को भोले शंकर के साथ शनि देव का भी आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि ये व्रत रखने वाले जातकों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। इसी वजह से लोग शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन प्रदोष व्रत रखते हैं।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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