नई दिल्ली ( New Delhi)। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए फंड के दुरुपयोग वाले सभी आरोपों को खारिज कर दिया। रेलवे (Indian Railways) ने कहा कि फंड (Fund) का उपयोग ट्रेन ड्राइवरों के कमरों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया गया था। यह उनके लिए आवश्यकता है, ना कि विलाशिता।
आपको बता दें कि ओडिशा में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे को 10 दिन हो चुके हैं लेकिन सवाल-जवाब का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा हैं. हादसे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेर रही है। पार्टी ने हाल ही में एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि रेलवे की सेफ्टी का पैसा फुट मसाज, क्रॉकरी और कम्यूटर पर खर्च किया गया. अब रेलवे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बताया है कि यह अन्यथा खर्च नहीं था, बल्कि रेलवे की सुरक्षा का जरूरी हिस्सा है!
रेलवे ने कहा है फुट मसाजर, क्रॉकरी, एसी और अन्य वस्तुएं विलासिता का खर्च नहीं था. इन्हें लोको पायलट, ट्रेन में चलने वाले गार्ड के लिए बनाए गए रनिंग रूम्स यानी गेस्ट हाउस में उपयोग के लिए खरीदा गया था। 9-10 घंटे की ड्यूटी के बाद लोको पायलट इन रनिंग रूम में अनिवार्य विश्राम के लिए जाते हैं। रेलवे ने कहा कि ये रेलवे की सेफ्टी कमेटी की सिफारिश के अनुसार है, न कि बेकार खर्च, जैसा कि दावा किया जा रहा है।
कांग्रेस ने शुक्रवार (9 जून) को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2021 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार ने रेलवे सुरक्षा के लिए आवंटित फंड का ‘दुरुपयोग’ क्रॉकरी, कार किराए पर लेने, फर्नीचर, लैपटॉप और फुट मसाजर पर किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेन दुर्घटना में 278 लोगों की मौत और लगभग 1,000 के घायल होने के कुछ ही दिनों बाद ट्विटर पर कहा, “इस तरह से रेलवे सुरक्षा के लिए विशेष रूप से धन का उपयोग किया गया था. यह कैग ने बताया है।
रनिंग रूम्स में ड्राइवर के लिए सुविधा
रेलवे ने कहा है कि लोको पायलट ट्रेन में घंटों तक खड़े रहते हैं. ड्यूटी खत्म करने के बाद वे अगली ड्यूटी से पहले अनिवार्य ब्रेक के लिए रनिंग रूम में जाते हैं। रनिंग रूम में मेस में क्रॉकरी और फुट मसाजर के साथ ही ड्राइवर के लिए कई अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि वे अगली ड्यूटी से पहले अच्छी तरह से आराम कर सकें।
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