- नगरीय निकाय चुनाव में लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तय की इलेक्शन की खर्च लिमिट
- महापौर के प्रत्याशी के लिए खर्च सीमा 35 लाख और 15 लाख निर्धारित
भोपाल। मप्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है। नगरीय निकाय की तारीखों का भी जल्द ऐलान हो सकता है। अब मप्र के पार्षद प्रत्याशियों को अपने चुनाव खर्च का हिसाब देना होगा। अब तक नगरीय निकायों के अध्यक्षों को ही निर्वाचन व्यय देना होता था लेकिन अब पार्षदों को भी खर्च का ब्यौरा देना होगा। आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि नगरीय निकाय के चुनाव में इस बार पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान किया गया है। अब तक महापौर और नगरीय निकायों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के व्यय लेखा (चुनाव खर्च) का रिकॉर्ड तैयार कर चुनाव आयोग को देना होता है। आयोग ने रिटर्निग आफीसर कार्यालय में निर्वाचन व्यय लेखा संधारण पर्यवेक्षण के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश भी दिये हैं।
पार्षदों के लिए चुनाव खर्च की सीमा
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम में पार्षद प्रत्याशी अधिकतम 8 लाख 75 हजार, 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निगम में 3 लाख 75 हजार खर्च कर सकते हैं। वहीं एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिका में 2 लाख 50 हजार, 50 हजार से एक लाख आबादी वाले नगर पालिका में 1 लाख 50 हजार, 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका में 1 लाख रूपए तक खर्च किया जा सकता है। वहीं नगर परिषदों के लिए 75 हजार की खर्च सीमा तय की गई है।
महापौर प्रत्याशी खर्च कर सकेंगे 35 लाख
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने बताया कि महापौर के पद के लिए जनगणना 2011 के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरपालिक निगमों में 35 लाख और 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगरपालिक निगमों में महापौर पद के उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 15 लाख रूपये निर्धारित की गई है।
अध्यक्ष का आरक्षण आज
नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों की मानें तो प्रदेश की नगरपालिका परिषद और नगर परिषदों के आगामी सामान्य निर्वाचन के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिका नियम, 1999 के अंतर्गत अध्यक्ष के पदों के संशोधित आरक्षण की कार्यवाही आज अपरान्ह 3 बजे से रवीन्द्र भवन भोपाल के सभागृह में की जाएगी।