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शिवराज सरकार के खिलाफ पूर्व सीएम Digvijay Singh ने खोला मोर्चा, कहा-अपराध की राजधानी बन गया है मध्‍य प्रदेश

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh, former Chief Minister of Madhya Pradesh) ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) धीरे धीरे देश में अपराध की राजधानी (Crime capital in the country) बन रहा है. इसकी मुख्य वजह प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ( Home MInister Narottam Mishra) का इस ओर ध्यान नहीं देना है. उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री वसूली और अपने राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने में लगे हैं.
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Rajya Sabha MP Digvijay Singh) ने कहा नरोत्तम मिश्रा( Narottam Mishra) गृहमंत्री (Home Minister) के साथ जेल मंत्री (Jail MInister) भी हैं. वो फर्जी FIR पर लोगों को गिरफ्तार कराते हैं और फिर जेल में प्रताड़ित कराते हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा एक शुक्ला परिवार के लड़के को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है और सीवर का पानी पिलाया गया.



दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि आपने गृहमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पर उन्होंने कहा कि रिवॉल्वर का लाइसेंस चाहिए, तीन लाख रुपये में मिल जाएगा. उन्होंने आगे कहा इसी वजह से 4 से 5 महीने पहले इंदौर, मंदसौर, उज्जैन में साम्प्रदायिक घटनाएं हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन राज्य सरकार नहीं कर रही है. इस पर PIL भी इंदौर हाई कोर्ट में दायर की हुई है. राज्य सरकार को नोटिस भी मिला है, सरकार ने जवाब देने के लिए समय मांगा है.
राज्य सरकार पर हमला करते हुए दिग्विजय सिंह ने पूछा नियमों में बदलाव करने का किसको अधिकार दिया गया है, कि आप गांव में मत आएं. कबाड़ी वाला, चूड़ी वाला गरीब काम कर रहा है या मुस्लिम होना संविधान के खिलाफ है, अपराध है. उन्होंने कहा संघ, बजरंग दल, भाजपा के लोग ऐसी घटनाओं के वीडियो बनाते हैं जिससे मुस्लिमों में दहशत फैला सकें. उन्होंने कहा यह डरपोक लोग हैं मगर मैं इनका सामना करूंगा. दिग्विजय सिंह ने कहा कायर लोग डराना पसंद करते हैं, लेकिन उनके सामने जो लोग सीना तान के खड़े हो जाते हैं तो वो भाग जाते हैं.

बिजली के नाम पर भ्रष्टाचार
दिग्विजय सिंह ने बिजली कटौती पर भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद राज्य में बिजली की समस्या पैदा हुई. बिजली घर छत्तीसगढ़ में थे और उपभोक्ता मध्य प्रदेश में थे. इस वजह से वर्ष 2003 में मैं चुनाव हार गया था. उन्होंने बताया बिजली के प्रोजेक्ट जो शुरू किए थे वो सब 2003 के बाद शुरू हुए हैं. 2011 में बिजली सरप्लस थी, क्योंकि सरकार ने कुछ कारखाने बंद करा रखे थे. इधर, गुजरात, महाराष्ट्र में बिजली की मांग बढ़ गई तो राज्य सरकार ने महंगे दामों पर बिजली उन्हें बेच दी. यह भ्रष्टाचार का अड्डा बन हुआ है. दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार ने किसानों के बिजली के बिल आधे किए थे. यहां तक कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 1 रुपए कम किए गए थे. मध्य वर्ग का बिल 200 से 250 रुपये तक आता था. आज वही बिल हजार से 5 हजार तक आ रहा है. इसे लेकर लोगों में बहुत नाराजगी है.

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