भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं

  • भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री हुए आगबबूला, फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई के निर्देश

भोपाल। आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। योजना में बेहतर कार्य करें, जिससे मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा नहीं हो। योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास कार्यालय में आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। इस बैठक में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका दास सहित अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।


बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने सख्त लहजे में कहा कि आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय है। योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे। यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है। घोटाला करने वालों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अन्य गतिविधियों की जांच भी करें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर निजी अस्पतालों की जांच कराई जाए। संदिग्ध पाए गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी। काल सेंटर एक्टिव रहें। मरीजों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं। प्रदेश के जिन 27 अस्पतालों में कमियां सामने आई हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि आगे ऐसा न हो।

औचक निरीक्षण कराया
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मप्र इकाई की संचालक प्रियंका दास ने सीएम को बताया कि आयुष्मान योजना से संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की चिकित्सकीय गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण कराया गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या की जांच की गई। आडिट इंस्पेक्शन टीम द्वारा इस बात की जांच की गई कि मरीजों से अतिरिक्त राशि तो नहीं ली जा रही है। चिकित्सालयों द्वारा बीमारी के अनुसार ही उपचार उपलब्ध कराया गया है या नहीं और उसी उपचार की राशि सरकार से क्लेम की गई है या नहीं।

निरंतर जारी रहेगा अस्पतालों का जांच कार्य
उपचार में गुणवत्ता का ध्यान रखे जाने का भी परीक्षण कराया गया। जांच में पाया गया कि कुछ अस्पतालों द्वारा फर्जी मरीजों को भर्ती कर फर्जी दस्तावेज पोर्टल पर समिट किए गए। ऐसे समस्त अस्पतालों को, जो योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें योजना से असम्बद्ध करने की कार्रवाई की जा रही है। मरीजों को नि:शुल्क उपचार न देते हुए उनसे अतिरिक्त राशि की मांग की जाने संबंधी प्रकरणों में तीन गुना अतिरिक्त अर्थदंड अधिरोपित किया जा रहा है। अस्पतालों की जांच का कार्य निरंतर जारी रहेगा। मरीजों से इलाज के दौरान और बाद में फीडबैक लिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना, मध्यप्रदेश द्वारा स्व-प्रेरणा से अभी तक 12 जिलों में प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 चिकित्सालय की सूक्ष्म जांच एवं आडिट कराया गया है, जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता परिलक्षित हुई है। इन पर कार्रवाई की जा रही है।

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