हरिद्वार। उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार में एक बुजुर्ग दंपति ने अपने बेटे और बहू पर मुकदमा दायर किया है. उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि बेटे के पालन और परवरिश पर खर्च किए गए पांच करोड़ रुपये दिलाए जाएं नहीं तो उनके बेटा और बहू एक साल के अंदर पोता-पोती दे.
दरअसल बुजुर्ग दंपति (elderly couple) के बेटे-बहू की शादी को छह साल बीत गए हैं और अभी तक कोई संतान नहीं है. शायद वो संतान नहीं चाहते हैं. लेकिन उनके बुजुर्ग माता-पिता चाहते हैं कि उनके घर में छोटे बच्चे की किलकारी गूंजे और वो बच्चे के साथ खेलें. जब उनके बेटे ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने हरिद्वार (Haridwar) की एक कोर्ट में केस कर दिया. उन्होंने अदालत से मांग की है कि बेटे के पालन-पोषण (upbringing) में खर्च हुए करीब पांच करोड़ रुपये उन्हें वापस दिला दिए जाएं.
17 मई को कोर्ट में सुनवाई
बुजुर्ग दंपति का कहना है कि बेटे को इतना काबिल बना दिया, बावजूद इसके उन्हें अपना बुढ़ापा अकेले में बिताना पड़ रहा है. ये उनके लिए प्रताड़ना (torture) के समान है. उन्हें इससे काफी मानसिक वेदना (mental pain) पहुंच रही है. बुजुर्ग दंपति के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया गया है और इस मामले में 17 मई को सुनवाई होगी.
2016 में हुई थी बेटे की शादी
बुजुर्ग संजीव रंजन प्रसाद बीएचईएल में अधिकारी पद पर कार्यरत रहे हैं और रिटायरमेंट के बाद वे अपनी पत्नी साधना प्रसाद के साथ एक हाउसिंग सोसाइटी ग्रीन हरिद्वार में रह रहे हैं. बुजुर्ग दंपति ने अपने इकलौते बेटे को अपनी पूरी जमापूंजी लगाकर उसे पढ़ाया. पायलट बनाने के लिए विदेश में ट्रेनिंग करवाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए. उसके बाद साल 2016 में उसकी शादी नोएडा में रहने वाली एक युवती से कर दी. उनकी बहू भी नोएडा में जॉब करती हैं. बुजुर्ग दंपति के वकील अरविंद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इस तरह का मामला उनके सामने भी पहली बार आया है. घर में अकसर प्रॉपर्टी और जायदाद को लेकर वाद विवाद सामने आते हैं, लेकिन ये अपनी तरह का पहला मामला है. उम्मीद है न्यायालय बुजुर्ग दंपति के साथ न्याय करेगा.