भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

उपचुनाव में राजनीति का केंद्र बना ग्वालियर

  • प्रशासन ने मांगी अद्र्धसैनिक बल की 20 कंपनियां

भोपाल। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें सबसे अधिक ग्वालियर चंबल अंचल की 16 सीटें है। ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस सभी का फोकस पूरी तरह अंचल पर है। ऐसे में राजनीति का केंद्र इन दिनों ग्वालियर बना हुआ है। इसको देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन ने अद्र्धसैनिक बल की 20 कंपनियां मांगी है। ग्वालियर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर और डबरा विधानसभा सीट शामिल है। यहां चुनाव कराने के लिए पुलिस व प्रशासन ने चुनाव आयोग से होमगार्ड व एसएएफ जवानों के अतिरिक्त अद्र्धसैनिक बल की 20 कंपनियां मांगी है। हालांकि आयोग की तरफ से जवाब नहीं आया है कि वह कितना बल उपलब्ध कराएगा। यह 2018 में छह विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए मांगे गए बल के बराबर है। अधिक संख्या में बल की मांग पर पुलिस अधिकारियों का तर्क है कि उपचुनाव विषम परिस्थितियों में हो रहे हैं।

भाजपा-कांग्रेस ने बनाया वार रूप
सत्ताधारी दल के बड़े नेता पिछले एक माह से अंचल में कैम्प किए हुए हैं। भाजपा ने प्रदेश कार्यालय को पांच मंजिला होटल में उप कार्यालय के रूप में शिफ्ट कर दिया है। जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा व पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर जैसे नेता स्थाई रूप से कैम्प किए हुए हैं। वहीं कांग्रेस ने सिटी सेंटर के एक होटल को वॉर रूम में तब्दील कर दिया है। जहां कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा बैठ रहे हैं।

सीमाएं जुड़ी हैं, इसलिए अधिक बल
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ग्वालियर जिले की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं। कानून व्यवस्था बनाने के लिए पूरे जिले में बल की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि तीनों विधानसभा अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं से जुड़ी हैं। ग्वालियर दक्षिण व पूर्व में तो सड़क की एक पट्टी दक्षिण में हैं, तो दूसरी पूर्व में है। ऐसे में फर्क करना मुश्किल है। मतदान केंद्र पूर्व में 200 मीटर की सीमा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हैं। इसलिए बल तो पिछले चुनाव के बराबर ही लगेगा। कोरोना संक्रमण के खतरे के साथ ही दीपावली का पर्व भी है। ऐसे में जिला पुलिस बल की त्यौहार में व्यस्तता अधिक होगी। इसके अलावा राजनीति का केंद्र भी इन दिनों ग्वालियर बना हुआ है। गौरतलब है कि अंचल में 16 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को मतदान व 10 नवंबर को मतगणना होना है। नामांकन दाखिल होने का सिलसिला शुक्रवार से शुरू हो चुका है। चुनावी गतिविधियां तेज हो गईं है। ऐसे में पुलिस व जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराना है।

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