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महिलाओं व बालिकाओं के लिए Gwalior बनेगा Smart and safe city

शहर में 52 हॉट स्पॉट चिन्हित, 11 का हुआ सेफ्टी सर्वे

ग्वालियर। महिलाओं एवं बालिकाओं ( women and girls) के लिए ग्वालियर शहर (Gwalior city) को स्मार्ट एवं सेफ सिटी (Smart and safe city) बनाने के उद्देश्य से विशेष रणनीति बनाई गई है। जिसके तहत ग्वालियर शहर में 52 ऐसे हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहाँ विभिन्न विभागों के समन्वय और शहरवासियों की भागीदारी से महिलाओं व बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने के लिए खास इंतजाम किए जाएंगे। इनमें से 11 हॉट स्पॉट क्षेत्र के सेफ्टी सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है, जहाँ 8 विभागों का संयुक्त क्रियान्वयन दल अगले एक महीने तक महिलाओं व बालिकाओं के लिए स्मार्ट एवं सेफ सिटी के कंसेप्ट पर अपनी कार्रवाई करेगा।

स्मार्ट एवं सेफ सिटी कार्यक्रम को बेहतर ढंग से अंजाम दिलाने के सिलसिले में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा की अध्यक्षता में कार्यशाला हुई, जिसमें इन हॉट स्पॉट पर अंजाम दी जाने वाली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ किशोर कान्याल, कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास राजीव सिंह व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र सिंह तोमर सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।


निगम आयुक्त वर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्वालियर को महिलाओं के लिहाज से स्मार्ट एवं सेफ सिटी बनाने के लिये इस काम को केवल शासकीय दायित्व न समझें अपितु नैतिक दायित्व समझकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्ययोजना को मूर्तरूप दें। सार्वजनिक भवनों पर महिलाओं के लिए हैल्पलाईन नम्बर प्रदर्शित कराए जाएं, जिससे जरूरत पड़ने पर उन्हें तत्काल मदद मिल सके।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास राजीव सिंह ने बताया कि महिलाओं के हिसाब से शहर में हॉट स्पॉट चिन्हित करने के लिये जीवाजी यूनिवर्सिटी के 27 एमएसडब्ल्यू विद्यार्थियों ने इंटर्नशिप के रूप में सर्वेक्षण का काम किया है। साथ ही शौर्यदल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनजीओ और अन्य संस्थाओं का इसमें सहयोग लिया गया है। सर्वे के लिये 61 बिंदु के ऑनलाइन फोरमेट का इस्तेमाल भी किया गया है। हर हॉट स्पॉट से लोगों द्वारा 85 प्रकार के फीडबैक लिए गए हैं। फीडबैक लेने का काम महिलाओं व पुरुषों दोनों से किया गया है। साथ ही हॉट स्पॉट के समीप स्थित दुकानों व सार्वजनिक कार्यालयों के कर्मचारियों इत्यादि की राय भी ली गई है।

सेफ सिटी कार्यक्रम का लक्ष्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहरों और सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित रूप से विकसित करना है ताकि हर उम्र, समुदाय की लड़कियों और महिलाएं सभी प्रकार की हिंसा के भय से मुक्त होकर उनका उपयोग कर सके। शिक्षा, स्वस्थ्य, प्रशिक्षण, रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित हो और वे सशक्त और स्वावलम्बी जीवन यापन कर सके। सेफ सिटी कार्यक्रम के तहत “लड़कियों और महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्वक नज़रिये एवं व्यवहार देना तथा छेड़छाड़ मुक्त शहर का निर्माण” करना है। शहर के सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टॉप, मोहल्ले, मार्किट, लोक परिवहन के साधनो आदि को भयमुक्त बनाने के लिए कार्य किया जायेगा।

इन 11 हॉट स्पॉट पर प्रथम चरण में संयुक्त दल बनायेंगे अनुकूल वातावरण

शहर में जिन 11 हॉट स्पॉट में सेफ्टी सर्वे का काम पूरा हो चुका है वहां पर पुलिस, नगर निगम, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन एवं महिला व बाल विकास विभाग के संवेदनशील अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त रूप से काम कर सेफ सिटी की कार्ययोजना को अंजाम देंगे।

बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह काम होंगे

परिवहन विभाग के जरिए बसों में सीसीटीव्ही कैमरे को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही हैल्पलाइन नम्बर – 100, 1090 व 181 का प्रदर्शन भी बसों में कराया जाएगा। सुरक्षा एप का उपयोग भी परिवहन में होगा। सार्वजनिक वाहनों के चालक-परिचालकों के लिये उन्मुखीकरण कार्यशाला, हर बस में अनिवार्यत: लाईट की व्यवस्था और रात्रि के समय कार्य स्थल से घर तक बस सेवा मुहैया कराना।

इसी तरह नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा बालिकाओं व महिलाओं को सुरक्षा सेफ्टी ऑडिट पर प्रशिक्षण, घरेलू कामकाजी महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम हॉट स्पॉट क्षेत्रों में पर्याप्त स्ट्रीट लाईट व सीसीटीव्ही कैमरों की व्यवस्था, प्रतीक्षालयों में महिलाओं के लिये नियत स्थान पर समुचित प्रकाश और महिलाओं के लिये उपयुक्त बुनियादी सुविधाएँ। पुलिस द्वारा हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में संवेदनशील पुलिसकर्मियों की तैनाती की जायेगी। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम के माध्यम से हॉट स्पॉट की निगरानी होगी। एप में पैनिक बटन का संचालन भी स्मार्ट सिटी के जरिए होगा।

स्कूलों व महाविद्यालयों में बालिकाओं के लिये अलग से सुव्यवस्थित शौचालय, विद्यालय में सेफ्टी अलार्म की व्यवस्था, आने-जाने के रास्तों की सुरक्षा, स्कूली वाहनों के चालक-परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण, समस्त महिला छात्रावासों में सेनेट्री नेपकिन मशीन का इंतजाम। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अपने छात्रावासों के वॉशरूम में गीजर और सेनेट्री नेपकिन वेंडिंग मशीन व इंसीनरेटर लगवाए जायेंगे। इसी तरह समुदाय के सहयोग की सहभागिता से भीड़भाड़ वाले स्थानों में निगरानी की जाएगी। इस काम में शौर्या दल स्वयंसेवी व समाजसेवी संगठन भी सहयोग करेंगे। (एजेंसी, हि.स.)

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