भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पोषण स्तर सुधारने होगी स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा

  • सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने प्रदेश में 21 से अभियान

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 21 मार्च से 27 मार्च तक स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। स्पर्धा का उद्देश्य प्रदेश के 0 से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग के पोषण स्तर में सुधार लाना, बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित मुद्दों के साथ बड़े पैमाने पर समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव पैदा करना है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी सेवाओं से छूटे क्षेत्र के 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी अभियान में शामिल किया जा रहा है। स्पर्धा के जरिए समाज के सभी वर्गों और क्षेत्रों में बच्चों के पोषण के प्रति परिवार एवं समुदाय को जागरूक किया जाएगा। स्पर्धा के जरिए स्वस्थ रहने के लिए परिवार एवं बच्चों को प्रेरित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. रामराव भोंसले के अनुसार केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्णय अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्पर्धा आंगनवाड़ी केन्द्र, पंचायत, स्कूल, विशेष कैम्प, स्वास्थ्य केन्द्र, घरों में की जाएगी। वहीं, इसकी प्रविष्टि पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से ऑनलाइन मॉड्यूल पर दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित जन्म से 6 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को संभावित लक्ष्य के विरूद्ध श्रेष्ठ उपलब्धि वाले संभाग, जिले, परियोजना, सेक्टर और आंगनवाड़ी केन्द्रों का स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर से भी पुरस्कृत किया जायेगा।



स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा के आयोजन समुदाय को पोषण, स्वास्थ्य और कल्याण के मुद्दों को और अधिक संवेदनशील बनाएंगे। इसका उद्देश्य माता-पिता और बच्चों में स्वस्थ्य रहने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना भी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 57 प्रतिशत बच्चों को एकीकृत बाल विकास सेवा का लाभ प्राप्त हो रहा है। इस तरह के आयोजनों से शेष बच्चों को भी योजना में पंजीकृत होने और इसका लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। स्पर्धा बच्चों में कुपोषण और समय पर उपचारात्मक हस्तक्षेप के लिए नियमित निगरानी के महत्व को स्थापित करेगी। स्पर्धा के दौरान 0 से 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की ऊंचाई, लंबाई और उम्र का डेटा संकलित करने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश एवं सभी जिलों से स्टंटिंग, वेस्टड और कम वजन के बच्चों का चिन्हांकन हो सकेगा।

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