भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई : पहली महिला मुख्यसचिव, करोड़ों की दौलत लेकिन एकाकी जीवन!

यह उन लोगों के लिए सबसे बड़ा उदाहरण है जो अपने एकलौते बेटे को कैरियर बनाने के नाम पर विदेश भेज देते हैं। मप्र की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच जिनके पास करोड़ों की दौलत है। जीवन की संध्या में गंभीर बीमार होकर एकाकी जीवन जीने को मजबूर हैं। जीवन व मृत्यु के बीच झूल रही इन ‘आइरन लेडीÓ का एकलौता बेटा विदेश में है। दूर के रिश्तेदार मेडम बुच की देखरेख कर रहे हैं। बेटा विदेश में बैठकर हालचाल तो रोज ही लेता है और जो संभव है वह उपचार की व्यवस्था भी करता है। हालात यह है कि मेडम बुच घर और अस्पताल के बीच चक्कर लगा रही हैं। डॉक्टरों की सलाह पर उपचार के लिए उन्हें मुम्बई भी ले जाया गया था, लेकिन वहां भर्ती करने से ही इंकार कर दिया गया। भोपाल में उनका इलाज बसंल अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में हो रहा है। मप्र के प्रशासनिक गलियारे में बेहद ईमानदार व दबंग आईएएस की छवि रखने वाली मेडम बुच नहीं चाहतीं कि इस बीमारी के समय कोई उनसे सहानुभूति दिखाने आए। यानि जीवन पूरी तरह एकाकी हो गया है।

भ्रष्टाचार पर मंत्री ने दी सीएम को सफाई
मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने पहले तो रिश्वत की तुलना भगवान को चढऩे वाले प्रसाद से करके सरकारी अफसरों द्वारा रिश्वत मांगे जाने का अप्रत्यक्ष समर्थन कर दिया, लेकिन जब उनका वीडियो वायरल हो गया और मुख्यमंत्री सचिवालय से स्पष्टीकरण मांगा गया तो मंत्री जी सफाई देते घूम रहे हैं कि उन्होंने हल्के फुल्के माहौल में हल्के फुल्के अंदाज में यह बात कह दी थी। मंत्री जी ने बकायदा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सफाई दी है कि पूर्व सरपंच का बेटा अंकुश यादव ने पहले भी भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी को उत्तेजित कर उल्टा सीधा कहलवा लिया फिर उनका वीडियो वायरल कर दिया। इसी युवक ने कोलारस में मुझसे बात की थी। मंत्री ने अपनी सफाई में कहा है कि अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तुलना उन्होंने भगवान से करते हुए लोगों को अमित शाह के कार्यक्रम में आने के प्रति प्रोत्साहित किया था।(अग्निबाण के पास मंत्री जी के पत्र की छायाप्रति है)

मप्र में पड़ेंगे ताबड़तोड़ छापे!
मप्र में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले इन्कम टैक्स, ईडी और सीबीआई के ताबड़तोड़ छापों की तैयारी है। यह छापे कांग्रेस नेताओं और कांग्रेस समर्थित व्यवसायियों के यहां पडऩे की संभावना है। छापे मप्र व प्रदेश के बाहर दोनों स्थानों पर पड़ सकते हैं। हमारे मुखबिर का कहना है कि केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों ने ऐसे 178 लोगों की सूची तैयार की है जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आर्थिक मदद कर सकते हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस की आर्थिक कमर को तोडऩे के लिए इन्कम टैक्स व ईडी को संकेत हो चुके हैं। यह भी चर्चा है कि खुफिया विभाग ने मप्र कांग्रेस के ऐसे नेताओं की कुंडली तैयार की है जिन्होंने तीन दशक की राजनीति में लगभग 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियां या व्यवसाय खड़े किये हैं। कांग्रेस के कुछ नेता भी छापों की जद में आ सकते हैं।


इस कंपनी पर किस आईएएस का हाथ है?
कुछ वर्ष पहले दिल्ली से मप्र आई एक आईटी कंपनी जिसे दो वर्ष पहले मप्र के पुलिस महानिदेशक ने ब्लेक लिस्टेड किया था, अचानक चमकने लगी है। इसे रातोंरात मप्र में पुलिस व स्मार्ट सिटीज के करोड़ों के काम मिलने लगे हैं। भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन,सागर, सतना के अलावा रायपुर, बिलासपुर, लखनऊ व श्रीनगर स्मार्ट सिटी में आईटी के काम इसी कंपनी को मिले हैं। मप्र पुलिस भी इस कंपनी पर मेहरबान हो गई है। प्रदेश के 50 शहरों में सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव का 39 करोड़ का काम भी इसी कंपनी को मिला है। भोपाल स्मार्ट सिटी का 18 करोड़ का काम भी इसी के खाते में गया है। चर्चा है कि इस कंपनी के डायरेक्टर ने भोपाल के लो-डेंसिटी इलाके में एक महलनुमा अवैध बंगला बनाया है। जहां कुछ खास अफसरों की महफिल जमती है। यह भी चर्चा है कि एक ताकतवर आईएएस ने इस कंपनी पर हाथ रख दिया है। आईएएस का साथ मिलते ही इस कंपनी को लगभग 600 करोड़ के काम मिल गये हैं।

मप्र के कथावाचकों में फिर तू तू मैं मैं
मप्र के दो कथावाचकों में इस सप्ताह सोशल मीडिया पर जमकर तू तू मैं मैं शुरु हो गई है। दोनों एक दूसरे को फ्राड व धूर्त बताकर खुलेआम निपटने की चुनौती दे रहे हैं। दोनों अपनी अपनी अध्यात्मिक शक्तियों का बखान भी कर रहे हैं। शहडोल जिले के सिद्धाश्रम के परमहंस योगीराज शक्तिपुत्र महाराज ने बागेश्वर एवं पंडोखर महाराज पर हमला बोलते हुए दोनों को पाखंडी बता दिया। शक्तिपुत्र महाराज का कहना है कि दोनों जनता को मूर्ख बना रहे हैं। बागेश्वर महाराज ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन पंडोखर महाराज गुरु शरण शर्मा इन आरोपों से आग बाबूला हो गये हैं। उन्होंने बेहद तीखी शैली में शक्तिपुत्र महाराज को चुनौती दी कि यदि उन पर शक्ति है तो मेरी शक्तियों को लॉक करके दिखाओ। दोनों महाराजों के भक्त भी एक दूसरे से नाराज बताए जा रहे हैं। इसके पहले पंडोखर महाराज ने बागेश्वर महाराज को चुनौती दी थी, लेकिन मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दोनों में सुलह करा दी थी।

भाजपा कब तोड़ेगी कांग्रेस विधायक
मप्र को भाजपा का अभेद्य गढ़ माना जाता है। यह भाजपा की राजनीति की प्रयोगशाला भी है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मप्र भाजपा ने अभी से रणनीति बनाना शुरु कर दिया है। मुखबिर का कहना है कि राहुल गांधी की यात्रा जैसे ही मप्र की सीमा में प्रवेश करेगी, कांग्रेस के विधायक टूट टूटकर भाजपा में जाना शुरु हो जाएंगे। दरअसल मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के लगभग दो दर्जन विधायकों को अगले चुनाव में टिकट न देने के संकेत दे दिए हैं। कमलनाथ ने गोपनीय सर्वे के आधार पर इन विधायकों से साफ कह दिया है कि वे चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा ने भी इन विधायकों को राहुल गांधी की पदयात्रा के दौरान तोडऩे की रणनीति बनाई है।

प्रशिक्षण ईमानदारी का, काम दलाली का!
मप्र में विदिशा को वीआईपी जिला माना जाता है। यहां आजकल संघ व भाजपा से जुड़े एक युवा नेता की दलाली के किस्से चटकारे लेकर सुनाए जा रहे हैं। दरअसल युवा नेता उस संस्थान में ईमानदारी व राष्ट्रभक्ति का प्रशिक्षण लेकर आए हैं जो मप्र के प्रभारी रहे संघनिष्ठ नेताजी का है। ऊपर से तो अभी भी सिद्धांत व नैतिकता की बातें करते हैं। लेकिन पूरे जिले में खदानें दिलाने, ठेके दिलाने के नाम पर इनकी मोटी वसूली के किस्से अब सरेआम होते जा रहे हैं। इन नेताजी ने स्थानीय अफसरों को झांसा दिया है कि उनका सीधा संपर्क भाजपा के एक केन्द्रीय नेता के अलावा मप्र भाजपा व संघ के बड़े पदाधिकारी से है। मुखबिर का कहना है कि इस नेता की दलाली के किस्से सीएम हाऊस तक पहुंच गये हैं।

और अंत में…!
जब किसी का कई जन्मों का पुण्य उदय में आता है तो उसके घर में चारों ओर खुशियां ही खुशियां बिखरी रहती हैं। भोपाल में ऐसा ही एक पुण्यशाली परिवार है आईपीएस मुकेश जैन का। अभी कुछ माह पहले मुकेश जैन के बेटे अर्थ जैन का चयन आईएएस में हुआ। अर्थ जैन को मप्र कैडर भी मिल गया है। अब मुकेश जैन की पत्नी ऋतु जैन को फैमिना मैग्जीन ने टॉप टेन व्यवसायी महिलाओं में चुनकर इस परिवार की खुशियों में चार चांद लगा दिए हैं। मुकेश जैन मप्र में 1989 कैडर के आईपीएस अफसर हैं। उनके एक छोटे भाई उपेन्द्र जैन मप्र पुलिस में एडीजी हैं। दूसरे छोटे भाई देवेन्द्र जैन दिलीप बिल्डकॉन में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

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