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सुप्रीम कोर्ट में अमित शाह की कृपा से हुई राम मंदिर की सुनवाई, मीटिंग के बाद बोले महासचिव चंपत राय

अयोध्या (Ayodhya) । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में एक मीटिंग के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई अमित शाह (Amit Shah) की कृपा से ही हुई है, नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ही नहीं होती.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सूर्य के उत्तरायण होने के बाद 14 जनवरी 2024 के बाद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बात लगातार कह रहा था. इसी बीच कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या जाने के लिए अभी से रिजर्वेशन करवा लें क्योंकि इसी तारीख को भगवान रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और रामलला उसमें विराजमान हो जाएंगे.

अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust in Ayodhya) की बैठक के बाद महासचिव चंपत राय (General Secretary Champat Rai) से जब मीडिया ने इस पर सवाल पूछा कि ट्रस्ट मकर संक्रांति के बाद प्राण प्रतिष्ठा की बात कर रहा था, जबकि अमित शाह 1 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा की बात कह रहे हैं क्या राम मंदिर निर्माण में गृह मंत्रालय का कोई दखल है? इस पर चंपत राय ने कहा, “अरे देखिए उनकी कृपा से ही, नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ही नहीं होती. उनका दखल कह रहे हो, देश के सम्मान के लिए काम करने वाला खून है वो. देश के सम्मान की रक्षा के लिए काम करने वाला खून है. अमित शाह नहीं है वह.”


वहीं जब चंपत राय से पूछा गया कि अमित शाह ने कहा है कि एक जनवरी, 2024 को राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो क्या एक जनवरी पक्का है. इस पर उन्होंने कहा कि अरे एक जनवरी क्या, जो भी मुहूर्त निकलेगा वो करेंगे.

दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होगा प्रथम तल
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का प्रथम तल दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा और जनवरी 2024 में रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपनी इसी टाइम लाइन को लेकर पूरी तरह सजग है और निर्माण प्रक्रिया उसी के अनुरूप चल रही है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 3 दिसंबर को ड्रोन कैमरे से खींची गई एक तस्वीर शेयर की है. ऊपर से ली गई इन तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि मंदिर का निर्माण कार्य कहां तक पहुंच चुका है और मौजूदा समय में मंदिर निर्माण की स्थिति क्या है.

1992 से चल रहा खम्भे तराशने का काम
आपको बता दें कि इन खम्भों को तराशने का कार्य 1992 से चल रहा था. श्री राम जन्मभूमि कार्यशाला में कारीगर लगातार इनको तराशने में लगे थे और अब उनकी मेहनत और कला के उपयोग का समय आया है. 2024 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर भले ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा और वह अपने आराध्य रामलला का दर्शन इस भव्य राम मंदिर में कर पाएंगे, लेकिन मंदिर पूरी तरह बनकर 2025 में तैयार होगा.

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