शहड़ोल। नगरपालिका परिषद शहडोल में चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई है तो वही भाजपा और कांग्रेस पार्टी से विजयी पार्षदों का बड़ा खेमा अध्यक्षी और उपाध्यक्षी को लेकर सवाल उठा रहा वहीं जिले में विजयश्री हासिल करने वाले उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या नारी शक्ति बनकर सामने आई है लेकिन इस शक्ति को आगे बढ़ाने में ना के बराबर कांग्रेस में तो वही भाजपा में विजयश्री प्राप्त करने वाली नारी शक्ति को कहीं ना कहीं दबाने का कुचक्र रचा जा रहा है कुल मिलाकर आज भी आधुनिक युग में पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को पद प्रतिष्ठा से वंचित रखा जाने के लिए जोड़ तोड़ की राजनीतिक बिसात बिछाने का काम किया जा रहा है जबकि जनमत संग्रह करने में सफल महिला उम्मीदवारों ने भाजपा हो या कांग्रेस पुरूषों से महिलाओं को कमतर नहीं आंका जा सकता। बाबजूद इसके वर्तमान चुनाव में जीतने वाली महिलाओं को पुरुषों की जूती मानो समझा जा रहा है तय मापदंड और नैतिकता के आधार पर दोनों प्रमुख दलों को महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करने का बेहतर अवसर नहीं हो सकता।वरना जिले में नारी शक्ति का सम्मान अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद के तय दावेदारों के बीच एक ऐसा धड़ा भी है जो सरकार किसी भी की हो सियासत हम करेंगे वाले धुरंधरों ने दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों से वन टच में हैं समर्थन का सबूत दो दस पंद्रह पेंटी लो इस तरीके की भी चुनाव मैदान में सेंधमारी चल रही है अब देखना दिलचस्प होगा कि लगभग 11 लाख की आबादी का शहडोल जिसमें 05लाख से अधिक पुरूष और तकरीबन इतनी ही महिलाएं हैं लेकिन शहडोल में महिलाओं को राजनीतिक दल शीर्ष पदों पर कितनी सशक्त बनाने वाले हैं अथवा इतिहास बोध करते हुए महिला प्रत्याशियों के विकास के पंख को कुतर दिए जाएंगे।पुराने समय से ही नारी समाज की एक अभिन्न अंग रही हैं, नारी के बिना देश का विकास रुक जाता है, हमारे भारत देश में नारियों का प्राचीन काल से विशेष स्थान रहा है, आधुनिक भारतीय समाज में महिलाएं वास्तव में आगे बढ़ रही हैं, नारी स्वभाव में बहुत अच्छे होते हैं, नारी हमारे समाज के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य करती हैं जिससे देश का विकास होता है। वर्तमान युग में महिलाएं शिक्षित हो रही है और वे अपने विचारों को घर से बाहर निडर होकर रखती हैं, आजकल महिलाएं सभी क्षेत्रों में कार्य कर रही है और पुरुषों के समान योगदान दे रही है। यहां समझना होगा कि सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की कथनी और करनी में अंतर कितना है शहडोल में भी राजनीतिक दलो के महारथियो की पद प्रतिष्ठा की दौड़ नारी सशक्तिकरण की खातिर त्याग तपस्या भी कर सकती है।
क्षेत्र- 6,205 वर्ग किमी
आबादी- 10,66,063
भाषा-हिंदी, बघेली
गाँव- 886
पुरुष- 5,40,021
महिला- 5,26,042
भारतीय उपासना में स्त्री तत्व की प्रधानता पुरुष से अधिक मानी गई है। नारी शक्ति की चेतना का प्रतीक है। साथ ही यह प्रकृति की प्रमुख सहचरी भी है जो जड़ स्वरूप पुरुष को अपनी चेतना प्रकृति से आकृष्ट कर शिव और शक्ति का मिलन कराती है। साथ ही संसार की सार्थकता सिद्ध करती है नारी हमारे समाज तथा देश के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। वर्तमान युग में महिलाएं देश के विकास के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
