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महंगाई के दौर में कैसे बनाए भविष्‍य की योजना, जानें कहां निवेश करना होगा सही ?

नई दिल्‍ली. महंगाई(Dearness) जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उस हिसाब से अगर आपने सही समय पर भविष्य की योजना को निश्चित नहीं किया तो बहुत ज्यादा परेशानी होगी. भविष्य (Future) के लिए ना सिर्फ निवेश करना होगा, बल्कि ऐसी जगहों पर निवेश करना होगा जहां आपको महंगाई से राहत मिले और नेट आधार पर कुछ रिटर्न हासिल हो. वर्तमान में महंगाई दर 6 फीसदी के करीब है. ऐसे में अगर आपका निवेश (Investment) 6 फीसदी से ज्यादा रिटर्न नहीं देता है तो नेट आधार पर आपको कुछ हासिल नहीं हो रहा है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए निवेश संबंधी कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

जैसा कि हम जानते हैं फिक्स्ड डिपॉजिट(fixed deposit) निवेश का परंपरागत साधन है. रिटर्न कम होने के कारण धीरे-धीरे इसके प्रति निवेशकों की दिलचस्पी कम हुई है. भारत की बात करें तो सेकेंड जेनरेशन के लोग यानी हमारे माता-पिता के जमान में फिक्स्ड डिपॉजिट का क्रेज चरम पर था. इसमें निवेश पर फिक्स्ड इनकम मिलती है. जोखिम बहुत कम है और निवेशक को पता होता है कि उसका पैसा कब डबल होगा. अब एफडी पर रिटर्न 4-5 फीसदी के करीब है. ऐसे में यह महंगाई को मात देने में सक्षम नहीं रह गया है. यही वजह है कि निवेशक अपने लिए नए जमाने के निवेश के विकल्प की तलाश कर रहे हैं.



ईटी नाउ स्वदेश से बातचीत करते हुए वैल्यु रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में सेविंग्स या फिक्स्ड डिपॉजिट महंगाई को मात देने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में निवेशक के तौर पर निवेश के नए विकल्पों के बारे में विचार करना चाहिए. शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न मिलता है. इसके अलावा कुछ पॉप्युलर सेविंग स्कीम्स जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में अभी 6-7 फीसदी का रिटर्न मिलता है. वर्तमान में ये स्कीम्स महंगाई को तो मात दे रहे हैं, लेकिन लंबी अवधि में केवल इन्हीं स्कीम्स में निवेश करना चतुराई भरा फैसला नहीं होगा.

लोगों को निवेश से पहले अपने खर्च का हिसाब करना चाहिए. हर इंसान के लिए खर्च अलग-अलग है. मेडिकल, खाना-पीना, पढ़ाई, कार, बंगला, विदेश की यात्रा. इन तमाम चीजों में आपका खर्च कहां ज्यादा होता है इसका पता लगाएं और यह भी पता करें कि उस सेगमेंट में महंगाई की रफ्तार क्या है. अपने वर्तमान और फ्यूचर के खर्च को ध्यान में रखते हुए उस सेगमेंट के लिए महंगाई की दर को ध्यान में रखते हुए निवेश करें.

शेयर बाजार में सीधा या म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश किया जा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि बाजार में निवेश करने पर रिस्क है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशक बनने पर रिस्क घट जाता है. इसके अलावा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. गिरावट पर ज्यादा निवेश करें और तेजी आने पर भी निवेश करें. अगर बाजार की समझ कम है तो म्यूचुअल फंड में निवेश करें. इस तरह आपका निवेश महंगाई को मात देने में सक्षम होगा.

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