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दिल्ली में भाजपा जीती तो तीन फार्मूलों से तय होगा सीएम

  • February 07, 2025

    नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) चुनावों के बाद आए एग्जिट पोल (exit poll) के नतीजे बता रहे हैं कि यहां बीजेपी सरकार (BJP Government) बनाने लायक बहुमत जुटा लेगी. करीब दो दशक के बाद बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापस आती है तो उसके लिए सबसे बड़ा संकट मुख्यमंत्री (CM) चुनने का हो सकता है. बीजेपी के तमाम नेता दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए बैठे हुए हैं. कई नेताओं के बॉडी लैंग्वेज ऐसे हो गए हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है कि वो खुद को सीएम बनने की उम्मीद पाल बैठे हैं. पर सभी जानते हैं कि बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (amit shah) को छोड़कर कोई नहीं जानता है कि सीएम की कुर्सी किसे मिलने वाली है. पर मुख्य रूप से तीन नाम ऐसे हैं जो तार्किक रूप से खुद को सीएम बनते हुए जरूर सपने देख रहे होंगे.

    इनमें प्रमुख रूप से दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी और नई दिल्ली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के कैंडिडेट प्रवेश वर्मा का नाम प्रमुख रूप से लिया जा सकता है. पर बीजेपी का कोई भी नेता इस संबंध में खुलकर बात करने को तैयार नहीं है. दरअसल बीजेपी में संवैधानिक पद किसी को भी देने के पीछे क्या रणनीति काम करती है इसका फॉर्मूला कोई भी डिकोड नहीं कर पाया है. इसलिए सिर्फ अटकलें ही लगाई जा सकती हैं. कई बार वो अटकलें सही भी हो जाती हैं . जैसे महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर चल रही अटकलें सही साबित हुईं. इसलिए आइये एक बार हम भी कुछ तर्कों के आधार पर अटकलों का मूल्यांकन करते हैं.


    इन तीन नामों में किसी न किसी को डिप्टी सीएम बनना ही है
    मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री चुनाव प्रक्रिया में देखें तो कुछ तथ्य जो सामने आते हैं वो इस प्रकार हैं. पहला मुख्यमंत्री कोई भी बने पर 2 डिप्टी सीएम बनने तो तय हैं. चूंकि राजस्थान में सबसे हाईलाइटेड नाम वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया इसलिए कोई जरूरी नहीं है कि दिल्ली में मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा या प्रवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री के लिए फाइनल होगा. हो सकता है कि इन लोगों में से 2 लोगों को डिप्टी सीएम के रूप में शपथ दिलाई जाए. इतना ही नहीं इन तीनों लोगों में से किसी को अगर मंत्री भी किसी जूनियर के आगे बनना पड़े तो उन्हें मंजूर होगा. मध्य प्रदेश कैलाश विजयवर्गीय जैसा नेता आज मोहन यादव के अंडर में मंत्री बनकर शांति से सरकार का हिस्सा बने हुए हैं. राजस्थान में महारानी दिया कुमारी का नाम मुख्यमंत्री के लिए चल रहा था पर वो भजनलाल शर्मा के साथ डिप्टी सीएम बनकर आज खुश हैं. इसलिए ये मानकर चलिए कि इन लोगों में से जरूर किसी न किसी को डिप्टी सीएम बनना ही है.

    क्यों बन सकती है कोई महिला सीएम
    भारतीय जनता पार्टी के पास एक तुरुप का पत्ता है किसी भी महिला को सीएम बनाना. महिला सीएम बनाने के लिए पार्टी के पास कई तेजतर्रार योग्य कैंडिडेट मौजूद हैं. जो भविष्य में बीजेपी के लिए असेट बन सकती हैं. इसमें बांसुरी स्वराज, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी का नाम लिया जा रहा है. ये तीनों ही महिलाएं काम करने वाली, योग्य और जनता के बीच लोकप्रिय हैं. इनमें से किसी के भी मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी को एक सबसे ब़ड़ा फायदा यह होने वाला है कि दिल्ली में पंजाबी, पूर्वांचली और जाट-गुर्जर की राजनीति और गुटबंदी होने की आशंका खत्म हो जाएगी. दूसरे इनमें से किसी भी समुदाय के नाराज होने का खतरा भी खत्म हो जाएगा.तीसरे दिल्ली में महिलाएं आम आदमी पार्टी की बहुत बड़ी सपोर्टर रही हैं उसका काट भी महिला सीएम के जरिए संभव हो सकेगा.

    जाट-गुर्जर-पंजाबी और पूर्वांचली होना शायद ही पैमाना बने
    बीजेपी के सामने सबसे बड़ा संकट जाट-गुर्जर-पंजाबी और पूर्वाचली वोटर्स को साधने का है. क्योंकि इनमें से किसी भी समुदाय के सीएम बनने से दूसरे समुदाय को यह लगेगा कि उनकी उपेक्षा हुई है. ठीक यही स्थिति राजस्थान में थी.वहां भी गुर्जर-जाट और राजपूत समुदायों में से किसी को भी सीएम बनाने से किसी एक के नाराज होने का खतरा था, इसलिए बीजेपी ने एक ब्राह्मण भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया था. ऐसी ही कुछ महाराष्ट्र में हुआ. हालांकि देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण होने के साथ महाराष्ट्र के कद्दावर नेता भी हैं जिन्होंने विधानसभा चुनावों में लीड किया था. लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनाने के पीछे भी यही भावना काम कर रही थी कि किसी मराठे या ओबीसी को चुनने से एक वर्ग के नाराज होने का खतरा बरकरार रहता. इसलिए दिल्ली में इतना तय है कि इन चार समुदायों से शायद ही कोई सीएम बने . यद्यपि इन समुदायों से डिप्टी सीएम जरूर बनाए जाएंगे.

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