नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) ने जिस तरह पूरे देश में तबाही मचाई थी यह किसी से छिपा नहीं है। इस महामारी में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और अभी यह महामारी अपना कहर बरपा रही है, हालांकि कोरोना (corona) को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीन लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। फिर भी सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर नई गाइडलाइन (new guideline) जारी की है। नए नियम के अनुसार अगर 30 दिन के अंदर किसी की मौत अस्पताल या घर में हो जाती है, या फिर कोरोना पॉजिटिव (corona positive)होने के बाद अगर आप लगातार 30 दिनों तक अस्पताल में इलाजरत है और अचानक आपकी मौत हो जाती है तो मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत की वजह कोविड-19 ही बताई जाएगी।
यहां तक कि नए नियमों के अनुसार कोविड-19 पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर किसी की मौत हॉस्पिटल या घर में हो जाती है तो डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह कोविड-19 ही बताई जाएगी।
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 30 जून को निर्देश दिया था कि जिन लोगों की मौत कोरोना की वजह से हॉस्पिटल या कहीं और भी हुई है, उन्हें कोविड-19 से हुई मौतें मानने का विचार किया जाए। इसके साथ ही सरकार को इस पर स्पष्ट रूपरेखा बनाने का भी निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 3 सितंबर को नई गाइडलाइन जारी की। अब सरकार ने कोविड-19 से होने वाली मौतों के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक कोरोना की पुष्टि होने के बाद अगर कोई मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी हो जाए तो भी टेस्ट के 30 दिनों के भीतर बाहर मौत होने पर कोविड डेथ माना जाएगा।