ट्रीटेड वाटर से ही धुल सकेंगे वाहन
ट्रीटेड वाटर से गाडिय़ां धोने का काम शुरू करें, गर्मी बीतने को और अब निगम को याद आई
इन्दौर। पिछले पांच सालों से शहर (Indore) के हजारों सर्विस सेंटरों (service centers) पर दिनभर में सैकड़ों गाडिय़ां (gaadiyaan) बोरिंग (boring) और नर्मदा (Narmada) के पानी से धुलती हैं और नगर निगम अब तक चेतावनी देने के काम करता रहा है। गर्मी का मौसम अंतिम दौर में है और निगम को फिर सर्विस सेंटरों की याद आई तो जाहिर सूचना जारी कर दी गई।
बिल्डिंग निर्माण से लेकर पेड़-पौधों के लिए है पानी
शहर के जितने सर्विस सेंटर हैं, वे अभी तक बोरिंग या नर्मदा के पानी से चल रहे थे, जबकि इन सेंटरों को ट्रीटेड वाटर का उपयोग करना चाहिए। निगम द्वारा बनाए गए सैप्टिक टैंक से ट्रीटेड वाटर हासिल किया जाता है, जिन्हें पेड़-पौधों को देने के साथ ही बिल्डिंगों के निर्माण कार्य में उपयोग लिया जा सकता है। इसके लिए निगम ने शहरभर के विभिन्न स्थानों पर 48 ट्रीटेड वाटर के हाइड्रेंट बनाए गए हैं। वहां से इन लोगों को पानी खरीदना चाहिए, लेकिन ये पेयजल के उपयोग में आने वाला पानी अनुपयोगी कार्यों में खर्च कर रहे हैं। अब इन पर कार्रवाई की जाएगी।
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