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इंदौर-धार के 44 गांवों में लागू पीथमपुर के मास्टर प्लान में शामिल जमीनों पर कटने लगी अवैध कॉलोनियां… बुलडोजर चलवाने के साथ दी चेतावनी

  • February 08, 2025

    एमपीआईडीसी अभिन्यास मंजूरी के साथ डायवर्शन पर भी लगवा चुका है रोक, फिर भी जमीनों की खरीद-फरोख्त के साथ अवैध विकास और निर्माण हो गए

    इंदौर। पीथमपुर (Pithampur) का मास्टर प्लान (master plan) पिछले साल घोषित किया गया, जिसमें इंदौर (Indore) और धार (Dhar) के 44 गांवों की लगभग साढ़े 12 हजार हेक्टेयर जमीन शामिल की गई। मगर इन जमीनों की खरीद-फरोख्त होने के साथ धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां भी कटने लगी, जिसके चलते एमपीआईडीसी ने बकायदा जाहिर सूचना के साथ धोखाधड़ी कर जमीनों को बेचने, भूखंडों को काटने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी और साथ ही कुछ अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर भी चलवाए। दरअसल, मास्टर प्लान को अमल में लाने के लिए एमपीआईडीसी ने नगर तथा ग्राम निवेश के माध्यम से प्लान में शामिल जमीनों पर अभिन्यास की मंजूरी के साथ डायवर्शन पर भी रोक लगवा रखी है।


    मगर कई जमीन मालिक अवैध रूप से जमीनों का विक्रय कर रहे हैं। पीथमपुर के मास्टर प्लान का गजट नोटिफिकेशन पिछले साल सितम्बर में शासन ने किया था और एकतरफा जमीन अधिग्रहण या प्लान पर स्थगन आदेश ना मिले इसलिए हाईकोर्ट में केविएट भी दायर कर दी। दरअसल, पीथमपुर मास्टर प्लान के साथ एमपीआईडीसी द्वारा सेक्टर-7 को भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें 12 गांवों की जमीनें शामिल हैं। उसके साथ ही इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को भी अमल में लाया जा रहा है, जिसके खसरा नम्बरों का अभी दो दिन पहले ही प्रकाशन कर 30 दिन में दावे-आपत्तियां मांगी गई हैं। दरअसल, तेजी से जो औद्योगिक निवेश इंदौर और आसपास हो रहा है उसमें पीथमपुर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, जिसके चलते उसके निवेश क्षेत्र में इंदौर और धार के 44 गांवों को शामिल किया गया है, जिसकी जमीनों पर हो रहे अवैध कॉलोनाइजेशन और निर्माण कार्यों के चलते अब एमपीआईडीसी ने कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। इंदौर-उज्जैन के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर के मुताबिक पिछले दिनों भी अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलवाए और साथ ही कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है। पीथमपुर निवेश क्षेत्र में इंदौर और धार जिले की जिन गांवों की जमीनें शामिल की गई है उनमें सलमबुर, रणमल बिल्लौद, अम्बापुरा, बेटमा खास, अकोदिया, बर्दरी, बकसाना, भिचौली, सुलावड़, बगोदा, मेठवाड़ा, सांगवी, उमरिया, मंडलावदा, घाटा बिल्लौद, बंजारी, भाटखेड़ी, धन्नड़, धन्नडख़ुर्द, सिलोटिया, तारपुरा, आसुखेड़ी, भांड्या, गोंदगांव, कल्याणसीखेड़ी, खंडवा, सुहागपुरा, बदीपुरा, बगदून, करवासा, काली बिल्लौद, भंवरगढ़, बजरंगपुरा, किशनपुरा, बेटमा खुर्द, बिजेपुर, जामोदी, सागोर, आगरखेड़ी, पिपल्या, उदाली, माधवपुर व खेड़ा की जमीनें शामिल की गई है, जिन पर टीएनसीपी एवं डायवर्शन की भी रोक लगी है।

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