रांची: झारखंड में रांची समेत राज्यभर में मौसम (Weather Report) के बदलते मिजाज ने वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं. हाल यह है कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सर्द हवाओं की जगह लोगों को गर्मी का मौसम महसूस हो रहा हैं. ऐसे में न्यूनतम पारा में बढ़ोतरी को लेकर राजधानी रांची (Ranchi Weather) समेत राज्य भर में 16 साल पुराना रिकॉर्ड टूटता नजर आ रहा है. साल 2006 में दिसंबर के आखिरी हफ्ते में न्यूनतम पारा 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, लेकिन साल 2022 में 27 दिसंबर को कांके का न्यूनतम पारा 12.4 डिग्री दर्ज किया गया, जिसने 16 साल पहले के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.
बिरसा कृषि विवि के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश कुमार की मानें तो मौसम में आए इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाएं हैं, जोकि पश्चिम दिशा के रास्ते झारखंड में प्रवेश करती हैं. उन हवाओं का आना फिलहाल थम सा गया है. जैसे ही यह हवाएं निर्बाध रूप से झारखंड में प्रवेश करेंगी तो तापमान स्वाभाविक रूप से गिरना शुरू हो जाएगा. साथ ही बंगाल की खाड़ी में होने वाली हलचल के कारण भी झारखंड के कई जिलों में हल्के बादल और बूंदाबांदी भी नजर आ रही है, जिस कारण भी तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं
हालांकि, इन सबके बीच चौंकाने वाली बात यह है कि रांची के बिरसा एग्रीकल्चर में जमीन के अंदर लगे तीन थर्मामीटर के अनुसार Soil (मिट्ठी) टेंपरेचर में बहुत ज्यादा बदलाव नजर नहीं आ रहा है. यहां जमीन में तीनों थर्मामीटर अलग अलग गहराई पर लगे है 28 दिसंबर की बात करें तो मिट्टी का तापतान कुछ यूं नजर आया. 5 सेंटीमीटर की गहराई पर तापमान 13.4 सेंटीमीटर, दूसरा थर्मामीटर 15 सेंटीमीटर की गहराई लगाया गया, जिसमें पारा तापमान 15 सेंटीमीटर और तीसरा थर्मामीटर 30 सेंटीमीटर की गहराई पर था तो तापमान 16.4 सेंटीमीटर दर्ज हुआ है. बिरसा कृषि विवि के फील्ड ओवरसियर अभय कुमार बताते हैं कि मिट्टी के तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं है. इस वजह से किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.