इंदौर। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी लैब की गंभीर चूक सामने आई है। डेंगू बुखार की जांच के लिए जो ब्लड सैम्पल लैब में जमा किए जा रहे हैं, इस मामले में माइक्रो बायोलॉजी लैब का स्टाफ गंभीर लापरवाही कर रहा है , क्योंकि लैब के रिकार्ड में ब्लड सैम्पल्स से संबंधित मरीज का सिर्फ नाम ही लिखा रहा है, जबकि जिस मरीज का ब्लड सैम्पल है उसके घर का पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी ही नहीं, बल्कि अनिवार्य है।
यह मामला तब उजागर हुआ, जब जिला स्वास्थ्य विभाग की डेंगू प्लस मलेरिया यूनिट ने बताया कि 11 जून से लेकर अभी तक डेंगू के 3 पीडि़त सामने आ चुके हैं। अग्निबाण ने जब डेंगू पीडि़तों की लोकेशन यानी घर के पते सहित अन्य जानकारी से संबंधित सवाल किए तो जिला स्वास्थ्य विभाग संबंधित डेंगू- मलेरिया यूनिट के अधिकारी दौलत पटेल ने बताया कि जिन 2 डेंगू मरीजों के ब्लड सैम्पल्स माइक्रो बायोलॉजी लैब में जांच के लिए भेजे गए थे, उनके घर के पते या मोबाइल नंबर सहित कोई भी रिकार्ड में नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग लिखित में शिकायत कर चुका है
डेंगू और मलेरिया अधिकारी के अनुसार इस लापवाही के मामले में जब हमने माइक्रो बायोलॉजी लैब के जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि यदि आपको ऐसी कोई शिकायत है तो आप लिखित में दे दीजिए। इसके बाद हम उन्हें लिखित में भी दे चुके हैं। इसके पहले भी पिछले सालों में लैब के स्टाफ द्वारा अन्य कई लापरवाहियां की जा चुकी हैं, मगर मानवीय भूल मानकर स्वास्थ्य विभाग नजरअंदाज करता रहा है, मगर अब ब्लड सैम्पल्स से सम्बंधित मरीज के घर का पता या उसका मोबाइल नंबर भी नहीं लिखना, फिर तो वाकई यह गंभीर चूक है।
जरूरी है संदिग्ध मरीज का नाम और पता लिखना
पटेल ने बताया कि ब्लड सैम्पल्स से संबंधित मरीज के घर का पता या मोबाइल नंबर की जानकारी स्वास्थय विभाग के लिए इसलिए जरूरी है, क्योंकि यदि ब्लड सैम्पल्स में मरीज डेंगू पॉजिटिव आता है तो फिर विभाग की टीम मरीज के घर पहुंचकर उसके अन्य परिजनों पर भी नजर रखती है । पीडि़त के घर के वाटर टैंक से लेकर छत पर जमा पानी में डेंगू लार्वा की ढूंढती और उसे नष्ट करती है। डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर परिजनों के ब्लड सैम्पल्स लेकर उनकी भी जांच कराती है।
ब्लड सेम्पल वाले मरीज की मृत्यु हो गई तो..
पटेल ने कहा कि यदि हमारे पास रिकार्ड में ब्लड सैम्पल्स वाले संदिग्ध या लैब में जांच के बाद पॉजिटिव आए मरीज के घर का न पता है न मोबाइल नंबर है तो हम उसे कैसे बताएंगे कि उसके ब्लड सैम्पल्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अगर मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई तो हम उसके या उसके परिवार सहित उस डेंजर हॉट स्पॉट पर नजर कैसे रखेंगे।
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