जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) के राजनीति जगत में हलचल मचाते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता (Congress leader) प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के ठिकानों पर छापेमारी की है. इस कार्रवाई का संबंध चर्चित पीएसीएल (PACL) चिटफंड घोटाले से है, जिसने देशभर में बड़ी संख्या में निवेशकों को प्रभावित किया था. इसी केस में पंजाब के आप विधायक कुलवंत सिंह के घर और ठिकानों पर भी रेड की गई है.
कांग्रेस नेता घर ईडी रेड पर राजस्थान सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “हम किसी को टारगेट नहीं कर रहे हैं. ईडी एक एजेंसी है. कानून के हिसाब से काम करती है. हम एजेंसी पर कोई दबाव नहीं डालते हैं. ईडी कानूनी कार्रवाई कर रही है. प्रताप सिंह को सहयोग करना चाहिए.”
यह मामला सबसे पहले 2011 में जयपुर के चौमू थाने में दर्ज किया गया था. इसके बाद से पीएसीएल कंपनी पर देशभर में कई मामले दर्ज हुए. कंपनी पर आरोप है कि उसने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर करोड़ों लोगों से निवेश करवाया और फिर उनकी रकम वापस नहीं लौटाई. अकेले राजस्थान में करीब 28 लाख निवेशकों से 2850 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.
पंजाब में AAP विधायक के घर रेड
केंद्रीय एजेंसी ने राजस्थान के अलावा पंजाब में भी छापेमारी की है, और यहां आम आदमी पार्टी के नेता कुलवंत सिंह के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है. विधायक कुलवंत सिंह के घर के साथ-साथ पंजाब भर में उनसे जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है. पंजाब के सबसे अमीर विधायक कहे जाने वाले सिंह छापेमारी के दौरान घर पर नहीं थे, लेकिन उनके परिवार से पूछताछ की गई है.
5.85 करोड़ लोगों ने किया था निवेश
पीएसीएल के इस घोटाले में देशभर से 5.85 करोड़ लोगों ने 49,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था. 2014 में नियामक संस्था सेबी ने कंपनी की स्कीम्स को अवैध घोषित कर दिया और इसके बाद कंपनी का कारोबार बंद करवा दिया गया. 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई (रिटायर्ड) आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया और कंपनी की संपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को उनके पैसे लौटाने का आदेश दिया.
पीएसीएल की संपत्तियां 1.86 लाख करोड़ की!
सेबी के आकलन के मुताबिक, पीएसीएल की संपत्तियां 1.86 लाख करोड़ की हैं, जो निवेश की गई राशि से कहीं अधिक हैं. अब ईडी की जांच में उन लोगों और अधिकारियों की पहचान की जा रही है जिन्होंने इस घोटाले से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से लाभ उठाया. खासतौर से, राजस्थान में बड़ी राजनीतिक और आर्थिक हस्तियों की भूमिका की जांच चल रही है.
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