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भारत-ब्रिटेन के बीच FTA पर अक्टूबर तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद, जानिए क्या है समझौता

नई दिल्ली। भारत (India) और यूनाइटेड किंगडम(यूके) (United Kingdom – UK)) ने हाल ही में व्यापार और निवेश (encourage trade and investment) को प्रोत्साहित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) (Free Trade Agreement – FTA)) के लिए वार्ता फिर से शुरू की है। पांचवें दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है। एफटीए पर अक्टूबर तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता आखिर क्या है और भारत के लिए इसका क्या अर्थ है।

 

मुक्त व्यापार समझौता क्या है?

यह दो या दो से अधिक देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए एक समझौता है। इसमें ऐसे टैरिफ, कोटा, सब्सिडी या प्रतिबंध को कम किया जाएगा जो सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सीमित कर सकता है। मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति दे सकता है। समझौते में सामान, सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद और अन्य क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।


 

यूके के साथ एफटीए से भारत को क्या फायदा होगा?

एफटीए गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, विशेष रूप से तकनीकी बाधाओं को तथा निवेशक को संरक्षण की बात करता है। कुछ शैक्षणिक योग्यताओं को संयुक्त रूप से मान्यता देने और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रूपरेखा समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। भारत द्वारा समर्थित सौदे के लिए पैनल स्थापित किए हैं और भारतीय कानूनी सेवाओं की अनुमति दी है।

 

भारत का और किन देशों के साथ समझौता है?

अप्रैल 2022 तक, भारत के पास दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र और नेपाल, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान व मलेशिया सहित 13 एफटीए थे। 13 में पिछले पांच वर्षों के दौरान मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए समझौते भी शामिल हैं। छह सीमित व्यापार समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

 

दोनों देशों का व्यापार स्तर क्या है?

द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन (सेवाओं में लगभग 35 बिलियन और 15 बिलियन अन्य वस्तुओं में) है। भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022 के अंत तक यूके के कुल व्यापार का 1.9 हिस्सा भारत का हो जाएगा। यूके भारत के लिए सातवां सबसे बड़ा निर्यात करने वाला देश है।

 

दोनों के लिए महत्वपूर्ण

एफटीए दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समग्र व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा। जनवरी 2022 में बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए। इसका उद्देश्य व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना था। वार्ता का पांचवां दौर 29 जुलाई को संपन्न हुआ और उम्मीद है कि जल्द ही वार्ता पूरी हो जाएगी।

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