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इस बिजी रूट पर कवच सिस्टम लगाने जा रहा भारतीय रेलवे, टक्कर से पहले खुद रुक जाएंगी ट्रेनें!

नई दिल्‍ली। देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन भारतीय रेलवे में सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. ऐसे में भविष्य में हादसों को रोकने के लिए मेड इन इंडिया सेफ्टी सिस्टम आ चुका है. ट्रेनों को टक्कर से बचाने के लिए रेलवे दिल्ली-मुंबई (Delhi-Mumbai) रूट और दिल्ली-हावड़ा (Delhi-Howrah) रूट के 3,000 किलोमीटर लंबे अपने नेटवर्क को 1000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ (Kavach) से लैस करेगा. यह जानकारी रेलवे अधिकारियों ने दी है. इस ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली (Anti Collision Tech) या कवच को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.

यूं काम करेगा सिस्टम
यह नई कवच प्रणाली ट्रेनों को तब अपने आप ही रोक देती है जब डिजिटल प्रणाली को रेड सिग्नल तोड़ने या कोई अन्य खराबी का पता चलता है. रेलवे ने 3000 किलोमीटर से अधिक लंबे रेल नेटवर्क और 760 इंजनों में इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए 11 टेंडर्स मंगाए हैं. इसके तहत रिसीवर पटरियों के साथ स्थापित किए जाएंगे और ट्रांसमीटर लोको के अंदर लगाए जाएंगे. पटरियों पर किए जाने वाले कार्यों की अनुमानित लागत 20 लाख रुपए प्रति किलोमीटर है जबकि इंजन के अंदर स्थापना की लागत 60 लाख रुपए प्रति लोको (रेल इंजन) होगी.



जानिए क्या है ‘कवच’ प्रणाली ?
रेलवे की बनाई नई तकनीक की मदद से दो ट्रेन अगर विपरीत दिशा से होते हुए भी एक दूसरे की तरफ आ रही हैं और दोनों की स्पीड कितनी भी हो पर ‘कवच’ की वजह से दोनों ट्रेन टकराएंगी नहीं और दुर्घटना (Rail Accident) खुद रुक जाएगी. ‘कवच’ प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का उपयोग किया जाता है. ये कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक ‘कवच’ के तहत जब दो आने वाली ट्रेनों पर इसका उपयोग होगा तो ये तकनीक उन्हें एक दूसरे का आंकलन करने में और टकराव के जोखिम को कम करने में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग एक्शन शुरूकर देगी, इससे ट्रेनें टकराने से बच सकेंगीं.

कवच एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी भी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर इस सिस्टम की शुरुआत होते ही सभी रेल यात्रियों का सफर और सुरक्षित हो जाएगा. ये कवच देश के करीब दो हजार रूटों पर स्थापित होगा ताकि हर भारतीय का सफर और सुरक्षित हो सकेगा.

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