इंदौर न्यूज़ (Indore News)

राजस्व के लंबित प्रकरणों में इंदौर जिले की रैंक और घटी, 33 से 39वें स्थान पर जा पहुंचा

इंदौर। राजस्व के लंबित मामलों को लेकर शासन द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे महाअभियान में इंदौर जिला शुरुआती दौर में 37वें स्थान से फिसलकर 39वें पायदान पर पहुंच गया है। इस स्थान को भी हासिल करने के लिए जो मामले जल्द से जल्द निराकृत हो सकते थे, उनका निराकरण किया गया तो कई मामले निरस्त कर प्रकरणों का खात्मा कर दिया।

राजस्व के महा अभियान में जिले की रैकिंग सुधारने की कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा लाख डंडा चलाने के बावजूद रैंेिकग सुधरने की जगह और खराब होती जा रही है। पिछले एक हफ्ते में जो कुछ सुधार हुआ, वह भी नाकाफी ही साबित हुआ है। 2 दिन में ही इंदौर 37 से हटकर प्रदेश में 39वें स्थान पर पहुंच गया और इसका कारण यह बताया जा रहा है कि पिछले 4 दिनों में अधिकारी अलग-अलग कार्यों में लगे होने के कारण मामलों के निराकरण पर ध्यान नहीं दे पाए, जिसके चलते जिला एकदम से पीछे पहुंचते हुए वर्तमान में 39वें पायदान पर नजर आ रहा है।

नाकाफी रहे प्रयास
महाअभियान के दौरान सबसे पीछे रहने वाली तहसील मल्हारगंज अब दसवें स्थान से उठकर पांचवें स्थान पर पहुंच गई है, जबकि सांवेर जहां पहले नंबर पर है, वहीं भिचौलीहप्सी तहसील सबसे अंत में नजर आ रही है। महाअभियान के ऑनलाइन आंकड़े पर नजर डालें तो इंदौर ईकेवाईसी के मामले में प्रदेश में 26वें स्थान पर है। यहां 2 लाख 93 हजार 323 खातों में से सिर्फ 25226 खातों की ईकेवाईसी हो पाई है। जिले में सबसे अधिक केवाईसी 17 फीसदी देपालपुर में हुई है और सबसे कम 0.26 फीसदी जूनी इंदौर में हो पाई है। इसी तरह नक्शा तरमीम में जिला प्रदेश में 42वें स्थान पर है, जिसमें जिले ने सिर्फ तीन प्रतिशत के लगभग ही कार्य पूर्ण किया है। नक्शा तरमीम का सबसे अधिक कार्य महू में तीन प्रतिशत हुआ है, वहीं सबसे कम हातोद में 0.7 फीसद है।

बंटांकन करने में अव्वल, सीमाकंन में फिसड्डी
अविवादित बंटांकन का निराकरण करने में इंदौर जिला लगभग 85 प्रतिशत आवेदनों के निराकरण के साथ 27वें स्थान पर है। इस कार्य में खुड़ैल, जूनी इंदौर और भिचौलीहप्सी शत-प्रतिशत कार्य करते हुए सबसे आगे है पर जमीनों के सीमांकन के आवेदनों के निराकरण में जिला 41वें पायदान पर है। यहां 79.14 फीसदी ही कार्य किया गया है। सीमांकन के कार्य में सांवेर तहसील 97 फीसदी के साथ सबसे आगे और मल्हारगंज तहसील 39 प्रतिशत के साथ सबसे निचले स्थान पर नजर आ रही है।

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