इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : अब प्लाज्मा किट का पड़ा टोटा, कई डोनरों को लौटाना पड़ा

 

एमवाय एच सहित अधिकांश निजी सेंटरों पर किट भी उपलब्ध नहीं…
गंभीर मरीजों को पड़ रही है प्लाज्मा की जरूरत
इंदौर।  ऑक्सीजन ((Oxygen), इंजेक्शन ((Injection) और बेड की तो मारामारी है ही, वहीं प्लाज्मा किट का संकट भी शहर में शुरू हो गया। एमवायएच (MYH) में ही प्लाज्मा किट ( plasma kit) का टोटा है, तो अन्य निजी अस्पतालों, सेंटरों पर भी प्लाज्मा किट खत्म हो गई, जिसके चलते कई डोनरों को वापस भी लौटाना पड़ा। यहां तक कि दो-तीन डोनर तो रतलाम या अन्य क्षेत्रों से कार से इंदौर पहुंचे, मगर किट के अभाव में उन्हें बिना प्लाज्मा डोनेट (plasma donate) किए ही वापस लौटना पड़ा। 4-6 हजार रुपए की यह प्लाज्मा किट आती है, जिसका अभी काफी इस्तेमाल हो रहा है। लिहाजा इनका भी बाजार में संकट हो गया और इसकी कीमत भी अधिक वसूली जा रही है और कई सेंटर तो 25 हजार रुपए तक मरीजों के परिजनों से प्लाज्मा के एवज में वसूल भी रहे हैं।


शासन-प्रशासन लगातार ऑक्सीजन, इंजेक्शन की कमी का सामना तो कर ही रहा है, वहीं अब प्लाज्मा किट का भी टोटा पडऩे लगा है। अभी बड़ी संख्या में गंभीर कोरोना मरीजों को प्लाज्मा देने की आवश्यकता पड़ रही है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके, जिसके चलते दिनभर सोशल मीडिया (social media) पर भी प्लाज्मा देने की अपील मरीजों के परिजन या मित्रों द्वारा की जाती है। दामोदर युवा संगठन जैसे ग्रुप बड़ी संख्या में प्लाज्मा डोनेट करवा रहे हैं। इसके संचालक अशोक नायक का कहना है कि कल से प्लाज्मा किट का भी टोटा पड़ गया और कई सेंटरों पर किट खत्म हो गई। यहां तक कि दो डोनर हमने रतलाम से बुलवाए थे। वे अपनी कार से प्लाज्मा डोनेट करने भी आए, लेकिन किट ना होने के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। यही स्थिति शहर के अधिकांश सेंटरों की रही। दरअसल जानकारों का कहना है कि ये प्लाज्मा किट चायना-कोरिया से लेकर अन्य जगह से आती है। भारत में भी किट बनती है। मगर अभी चूंकि देशभर में इनकी मांग बढ़ गई है। लिहाजा इसका भी संकट होने लगा है। यहां तक कि एमवायएच में भी सीमित ही स्टॉक बचा है। 4 से 6 हजार रुपए कीमत की यह किट रहती है, लेकिन अस्पताल और निजी सेंटर 18 से 25 हजार रुपए तक की राशि मरीजों के परिजनों से वसूलते हैं। दरअसल प्लाज्मा निकालने की जो मशीन है वह ज्यादातर निजी अस्पतालों में तो है, जिसके जरिए प्लाज्मा तैयार किया जाता है और फिर मरीजों को चढ़ाते हैं। इसका कुल खर्चा 10 से 12 हजार रुपए आता है, लेकिन सालभर से 18 हजार रुपए की राशि ली जा रही थी। अभी कुछ सेंटरों ने यह राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपए तक कर दी। मगर इसका भी हल्ला मचा और अग्निबाण ने भी कल यह खुलासा किया था। उसके बाद कुछ सेंटरों ने वापस 18 हजार रुपए की राशि कर दी। मगर उससे भी बड़ी दिक्कत परिजनों को प्लाज्मा हासिल करने और अब किट की किल्लत से उठाना पड़ रही है। अब देखना यह है कि प्लाज्मा किट की सप्लाय कब तक सामान्य होगी।

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