इंदौर न्यूज़ (Indore News)

सीएम और मुरलीधर राव के सामने इंदौरी नेताओं की बोलती हुई बंद

संगठन ने दो टूक कहा-भार्गव के नाम पर निर्णय हो गया, अब आप उन्हें जिताने में लग जाओ
इंदौर। जो इंदौरी नेता परसों निशांत खरे (Nishant Khare) के नाम पर अपने समर्थकों से सोशल मीडिया (Social Media) पर विरोध करा रहे थे, उनकी बोलती कल भोपाल (Bhopal) जाते ही बंद हो गई।
डॉ. निशांत खरे (Nishant Khare) को महापौर (Mayor) प्रत्याशी बनाने को लेकर शहर में जोरदार प्रतिक्रिया हुई थी। भोपाल में प्रदेश संगठन ने भी इस बात को गंभीरता से लिया और खरे के नाम को होल्ड कर दिया गया। इसके बाद सोमवार रात ही बैठक में पहले से चल रहे नाम में मधु वर्मा (Madhu Verma) और पुष्यमित्र भार्गव (Pushyamitra Bhargava) पर चर्चा होने लगी। इस बीच कल सुबह ही सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) , विधायक रमेश मेंदोला (Ramesh Mendola) , आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya), मालिनी गौड़ (Malini Goud) के साथ-साथ नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Randive), वरिष्ठ नेता गोपी नेमा (Gopi Nema), जीतू जिराती ( Jitu Jirati), सुदर्शन गुप्ता (Sudarshan Gupta) को भोपाल बुला लिया गया। एक बार वीडी शर्मा और हितानंद ने सभी से बात कर ली और कहा कि पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी उसके लिए आप सबको काम करना है। दरअसल, खरे का विरोध होने के बाद दूसरे शहरों में इस प्रकार का माहौल नहीं बने, इसलिए संगठन के नेताओं ने इंदौरी नेताओं को अपनी भाषा में समझा दिया। मीटिंग खत्म होने के बाद नेता लौटने लगे तो फिर फोन आया कि सीएम और मुरलीधर राव (Murlidhar Rao) बुला रहे हैं। सीएम ने बुलाकर इंदौरी नेताओं को समझा दिया कि भार्गव के नाम पर निर्णय हो गया है, अब आप जाकर उन्हें जिताने की तैयारी करो। इंदौरी नेता जी भाईसाब के अलावा कुछ नहीं बोल पाए और लौट आए।


एक फोन आया ‘अर्जेन्ट मीटिंग है’ और इंदौर के नेताओं को भोपाल बुला लिया
कई को लगा खरे के नाम का विरोध करने गए हैं नेता लेकिन प्रदेश संगठन ने सहमति बनाने के लिए किया तलब
कल अचानक इंदौर के वरिष्ठ नेताओं को नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Randive) ने फोन लगाया कि अर्जेन्ट मीटिंग है, भोपाल चलना है। कार्यालय आ जाओ। कोई नेता कुछ समझ पाता इसके पहले ही सभी भाजपा कार्यालय पहुंच गए और फिर वहां से अपने-अपने वाहन से भोपाल रवाना हो गए। हालांकि आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) पहले ही भोपाल पहुंच गए थे तो उनसे कहा गया कि वे वहीं मिलें। अचानक शहर के बड़े नेताओं के भोपाल जाने की खबर के बाद इंदौर से भोपाल तक की राजनीति गरमा गई। कयास लगाए जाने लगे कि प्रत्याशी के नाम का विरोध करने जा रहे हैं तो कई को लगा कि उनमें से ही किसी एक नाम पर प्रत्याशी का चयन होना है, इसलिए सबको एक साथ भोपाल बुलाया है, लेकिन मामला कुछ और ही निकला।

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