नई दिल्ली। महंगाई के मामले में अप्रैल में पिछले 8 साल का रिकाॅर्ड टूट गया। गुरुवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर मार्च में बढ़कर 7.79% हो गई। फ्यूल प्राइस और खाने-पीने के सामान महंगे होने से महंगाई दर में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (based inflation) का आंकड़ा लगातार चौथे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ऊपरी सहनशीलता सीमा से काफी ऊपर रहा। केंद्र द्वारा आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के बीच रखने का आदेश दिया गया है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी थी।
बता दें कि रिकॉर्ड तोड़ महंगाई के बीच पिछले सप्ताह आरबीआई (RBI) ने चार साल में पहली बार अपनी रेपो दर में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। इस महीने की शुरुआत में एक ऑफ-साइकिल बैठक में इसे 40 आधार अंकों (बीपीएस) से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई ने अचानक प्रेस कांन्फ्रेंस (press conference) करके इसकी जानकारी दी थी। बता दें कि ग्लोबल स्तर पर महंगाई रेट में इजाफा हुआ है।
वैश्विक मोर्चे पर, US फेडरल रिजर्व ने भी अपनी ब्याज दर में 50 बीपीएस की वृद्धि की, जो कि 22 सालों में सबसे अधिक है। इधर, दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार के अलावा एशिया के अन्य बाजारों जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरियो के कॉस्पी में काफी गिरावट रही है। भारतीय शेयर बाजारों में पिछले पांच दिनों से लगातार बड़ी गिरावट है। आज भी सेंसेक्स 1100 अंकों से अधिक टूटकर बंद हुआ है।
देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मार्च 2022 में 1.9 प्रतिशत बढ़ गया है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2022 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के प्रोडक्शन में 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
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