आचंलिक

अमानवीय और अलोकतान्त्रिक ठाठ भरी जन-उपेक्षा और जनता की फकीरी के दर्शन मिलते हैं मधुकरी-प्रधान गांव ‘परेवागार’ में

  • बिना जन्मतिथी वाले उपेक्षितों की वोटर आईडी तो बन गई मगर नहीं बन सके आधार कार्ड , राशन कार्ड , समग्र आईडी और थमी है बच्चों की पढाई
  • रोजाना की मधुकरी ( भिक्षा ) पर आश्रित लोग दशाब्दियों से अपने परिवार का कर रहे इसी तरह उदर -पोषण

कटनी /रीठी। शहर से तीस किलोमीटर के पास सटा हुआ एक गाँव है -परेवागार जिसकी ग्राम पंचायत है -डांग और जनपद है -रीठी जिला कटनी संभाग जबलपुर प्रान्त मध्यप्रदेश और राष्ट्र है वन्दे भारत। इस परेवागार गाँव में उपेक्षित जीवन जीने वाले अनेक परिवार बसे हैं जो रोज-रोज मधुकरी ( भीख ) मांगकर जिन्दा रहते हैं । देश में साठ साल के कथित बुरे दिन चल रहे थे तब भी परेवागार भिक्षाटन पर जिन्दा था और आज जब नौ-दस साल से अच्छे दिनों का अमृतकाल सबके सिर पर चढकर युगनिर्माण में लगा है तो भी ऐसे अमृतयुग में परेवागार भीख मांग कर जी रहा है द्य वैसे पॉलिटिकल व्यापारियों ने भिखारी जीवन की वोट वेल्यू को देखकर उनके वोटर आईडी कार्ड बनवा दिए हैं ताकि हर पांचवे साल उनका ठप्पा-ठप्पा यूज किया जा सके द्य लेकिन उनके आधार कार्ड , राशन कार्ड , समग्र आईडी नहीं बन पाए क्योंकि अब अमृतपान कर रही लोकशाही उनसे कहती है आप अपनी जन्मतिथी का प्रमाणपत्र लाओ तो ये मूल्यवान कार्ड बनेंगे अन्यथा जैसे जी रहे हो जीते रहो- अमर रहो ।



परेवागार गांव में दर्जनों घर की मलिन बस्ती बसी हुई है जिसके हर घर का चूल्हा हर रोज भीख की सामग्री से जलता है द्य यहाँ के लोगों की जीवनचर्या का आधार ही मधुकरी है द्य पथरीली भौगोलिक सीमाओं वाले जनपद क्षेत्र रीठी में साधारण कृषि के बाद रोजगार के लिए सरकारी मनरेगा जैसी योजना का सहारा है या फिर किसी प्रतिष्ठित अवैध माफिया के लिए चोरी से पत्थर तोडकर रखने का द्य रोटी,कपड़ा और मकान के बिना कड़कड़ाती ठंड मैं किस तरह इंसान अपना जीवन यापन करता होगा इसका अंदाजा परेवागार में आकर लगा सकते है। ग्राम पंचायत डांग के परेवागार का लाचार जीवन बताता है कि हम लोगों को आज तक किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं दिया गया द्य जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने आते है और बड़े-बड़े सपने दिखाकर चले जाते हैं तो दुबारा लौटकर वापस नहीं आते हैं । हम लोगो की कोई सुनने वाला नहीं है । जो हमारी मदद कर सके। बच्चों की शिक्षा के बारे में कहते हैं कि वे पढाई नहीं करते द्यउनकी जन्मतिथी का पता नहीं है इसलिए उनके आधार राशन कार्ड आदि नहीं बनाए जा रहे । व्यस्को की जन्मतिथी भी ज्ञात न होने से उनके भी कार्ड नहीं बने और ग्रामीण रोजगार योजनाओं के लिए वे पात्र नहीं हो सके ।

शिविर लगाएंगे :विधायक पांडे
विधायक प्रणय पांडे ने कहा कि उनकी जानकारी में यह बात आई है और शीघ्र ही परेवागार में शिविर लगवाकर उनकी समस्यायों का निदान कराने के प्रयास करेंगे, जो भी कठिनाइयाँ उनके कार्ड बनाने में आ रही हैं उनको दूर कराते हुए शासकीय योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाया जाएगा ।

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