ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका (Dhaka) में हिंदू समुदाय (Hindu Community) को दुर्गा पूजा (Durga Pooja) करने से रोका जा रहा है. एक दिन पहले टीपू सुल्तान रोड पर मौजूद दुर्गा मंदिर (Durga Temple) में हिन्दुओं को स्थानीय मुस्लिम दबंगों ने नवरात्रि (Navratri) की पूजा करने से रोका. ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’(Bangladesh Hindu Unity Council) ने सोशल मीडिया के जरिए इस संबंध में जानकारी देकर बताया कि स्थानीय इस्लामी चरमपंथियों (Islamic extremists) ने नवरात्रि के दौरान शंखनिधि मंदिर में हिन्दु श्रद्धालुओं को मां दुर्गा की पूजा नहीं करने दी. हालांकि, वहां की सरकार ने दुर्गा पूजा के लिए हिंदुओं को एक अस्थायी जगह प्रदान की है.
We failed. We could not worship at the historic Sankhannidhi Temple on Tipu Sultan Road in Dhaka. The local extremists did not allow us to do pujo. The government has given a temporary place to worship. The idols are being transferred there. One day we will rescue our temple. pic.twitter.com/nIGflELuFa
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 11, 2021
सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक, दुर्गा मंदिर से देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी उसी अस्थायी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है, जहां अब हिंदू लोग पूजा करेंगे. ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ ने कहा कि एक दिन हम अपने मंदिर को बचाने में कामयाब होंगे. इसके साथ ही काउंसिल ने उस जगह की भी तस्वीरें साझा की, जहां अब दुर्गा पूजन किया जा रहा है.
3rd incident. The attack took place on the road while the Durga idol was being entered in the puja mandapa in Kotwali, Chittagong. Police have arrested one. Protests are going on in the streets of Kotwali in Chittagong. https://t.co/G0LWtgvZlq pic.twitter.com/dvyd5TW1vC
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 10, 2021
बता दें कि इस मंदिर का निर्माण कोलकाता के लालमोहन साहा ने 1921 में करवाया था. मंदिर के साथ ही उन्होंने एक ‘शंखनिधि हाउस’ भी बनवाया था. बांग्लादेश के 1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद कई हिंदू वहां जाकर बस गए थे. लेकिन वहां सरकार ने उस शंखनिधि हाउस को प्राइवेट हाथों में दे दिया.
1960 में ‘शंखनिधि हाउस’ को आर्कियोलॉजी विभाग की लिस्ट में डाल दिया गया. इसके बाद उत्तरी दिशा में स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया और इस इमारत की छतें भी तोड़ डाली गईं. हाल ही में नवरात्रि के दौरान इस मंदिर पर हमला हुआ था, जिसके बाद देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को सड़क पर निकाल कर पूजा करना पड़ा.
हिन्दुओं ने स्थानीय मुस्लिमों के इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. उन्होंने अपने हाथों में बोर्ड्स ले रखे थे. BHUC ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें हिंदू मजबूरी में सड़क पर ही पूजा करते नजर आ रहे हैं. अब मंदिर पर हमले की वजह से अस्थायी सरकारी जगह पर पूजा हो रही है.
इससे पहले चटगांव के फिरंगी बाजार इलाके में रविवार को इस्लामी चरमपंथियों ने श्री शमशानेश्वर शिव विग्रह मंदिर की दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया. बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने इस बारे में ट्वीट किया था.
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