विदेश

Russia के इस कदम के बाद बढ़ी इजरायल की टेंशन, जानें क्या है पुरा मामला

मॉस्को: रूस (Russia) के एक फैसले ने इजरायल (Israel) को टेंशन में डाल दिया है. दरअसल, रूस जल्द ही ईरान (Iran) को एक एडवांस सैटेलाइट (Advanced Satellite) मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है, जिससे वह मध्य पूर्व में संभावित सैन्य ठिकानों को ट्रैक करने में सक्षम हो जाएगा. इजरायल और ईरान की दुश्मनी जगजाहिर है, ऐसे में रूस का ईरान के हाथ मजबूत करना उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इजरायल के लिए सबसे ज्यादा परेशानी की बात यह है कि मौजूदा वक्त में वह राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है और अमेरिका (America) के साथ उसके रिश्तों में भी पहले वाली बात नजर नहीं आ रही है.

अमेरिकी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत हाई रिज़ॉल्यूशन कैमरे से लैस रूस निर्मित कनोपस-वी (Kanopus-V) सैटेलाइट ईरान को दी जानी है. इस रिपोर्ट ने इजरायल की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि ईरान उन देशों में है जो इजरायल के खिलाफ फिलीस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास का लगातार समर्थन करता रहा है. बता दें कि पूर्वी यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में 10 मई को भड़के खूनी संघर्ष के बाद हमास ने लगातार 11 दिन तक इजरायल पर रॉकेट दागे थे. हालांकि, इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में हमास को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था.

वहीं, अमेरिका और ईरान 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस करार को रद्द करके ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे, जिसकी वजह से दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया था. बराक ओबामा के समय हुआ यह समझौता यदि बहाल होता है, तो ईरान पर लगीं आर्थिक पाबंदियां खत्म हो जाएंगी और उसके परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाया जा सकेगा. इस डेवलपमेंट को लेकर भी इजरायल ज्यादा खुश नहीं है.


रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रूस द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सैटेलाइट के जरिये ईरान फारस की खाड़ी की तेल रिफाइनरियों के साथ-साथ इजरायली सैन्य ठिकानों और उन इराकी बैरकों की निरंतर मॉनिटरिंग कर सकेगा जहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं. इन सूत्रों में एक वर्तमान और एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी और ईरान सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल है. गौरतलब है कि ईरान के नेताओं और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने 2018 के बाद से रूस की कई यात्राएं की हैं, ताकि समझौते को जल्द अमल में लाया जा सके.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विशेषज्ञों ने कुछ वक्त पहले ईरान की यात्रा की ताकि तेहरान के पश्चिम में कारज के पास एक नवनिर्मित सेंटर से उपग्रह का संचालन करने वाले कर्मचारियों की ट्रेनिंग में मदद की जा सके. सैटेलाइट में उन्नत किस्म के कई रूसी हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया है. इसमें 1.2 मीटर का हाई रिज़ॉल्यूशन कैमरा लगा हुआ है. इससे ईरान की क्षमताओं में काफी सुधार होगा.

इजरायल शुरू से कहता आया है कि उसके खिलाफ काम करने वाले क्षेत्रीय चरमपंथी गुटों की ईरान मदद करता है. उसका यह भी कहना है कि ईरान हमास को हथियार मुहैया कराने के साथ ही मिसाइल निर्माण में उसकी मदद करता है. परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए अमेरिका और ईरान के बीच चल रही बातचीत का इजरायल विरोध कर रहा है. इजरायल का तर्क है कि परमाणु समझौता करने से ईरान को प्रोत्साहन मिलेगा, जिसने अब तक अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक नहीं लगाई है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा था कि वह इस करार को रोकने के लिए सभी प्रयास करेंगे चाहे अमेरिका के साथ उनके रिश्तों को कुर्बान ही क्यों न करना पड़े.

Share:

Next Post

INDORE : लोग घरों में थे फिर भी डेढ़ हजार वाहन चोरी

Fri Jun 11 , 2021
 साल के पहले 5 माह… हर माह 300 वाहन चुराए हर माह 100 वाहन ज्यादा चोरी किल्लत ने बढ़ाई शहर में चोरी की वारदातें इंदौर।यातायात ( traffic) की तरह वाहन (vehicle )चोरी (theft) भी पुलिस (police) के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। लाख प्रयास के बाद भी पुलिस (police)इस पर अंकुश नहीं लगा […]