उज्जैन। जेल में हुए सायबर क्राईम तथा बंद आरोपी द्वारा पैसों का खेल कराए जाने के मामले में कार्रवाई पक्की है तथा दो जेलर सहित अन्य कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किया जा सकता है और फिलहाल जाँच की जा रही है। इससे साबित होता है कि जेल के अंदर किस तरह का गौरखधंधा चल रहा था। जेल में रहकर उप जेल अधीक्षक के साथ मिलकर एक कैदी ने करोड़ों रुपए की ऑनलाइन ठगी की और यह मामला अब भोपाल पहुँच गया है। इस मामले की जांच जेल प्रशासन ने पाँच अधिकारियों को पहुँचा कर करवाई जिन्होंने अपनी रिपोर्ट कर दी है। इसमें उन्होंने जेल के अंदर लैपटॉप ले जाना और घंटों कैदी को लैपटॉप देना और उससे काम करवाना अपने आप में जेल अधिनियम का दुरुपयोग है। इस मामले में अब उप जेल अधीक्षक के निलंबन का प्रस्ताव जाँच के बाद तैयार होगा, वहीं पूर्व जेल अधीक्षक अलका सोनकर को शोकाज नोटिस दिया गया है।
यह तो जेल विभाग की कार्रवाई है। इसके अलावा एसआईटी की जाँच भी चल रही है जिसमें जेल से जुड़े सभी अधिकारियों एवं अन्य लोगों के खातों की जानकारी मंगाई गई है। एडीजी राज्य साइबर सेल योगेश देशमुख ने बताया खातों में जैसे ही फरियादी के द्वारा बताए गए अनुसार लेनदेन निकलेगा तो संबंधित के खिलाफ जो पहले से मुकदमा दर्ज है उसमें नाम दर्ज किया जाएगा। वहीं जेल से जुड़े सूत्रों के अनुसार यदि एक भी खाते में पैसा निकल गया तो जेल के सभी अधिकारी जो उस समय पदस्थ थे। इसमें जेल अधीक्षक अलका सोनकर, उप अधीक्षक संतोष लडिया, उपजेलर गोयल तथा आरक्षक नामदेव पर ठगी षड्यंत्र करने की धारा 120बी में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। एसआईटी और साइबर सेल की जांच में भी समय लगेगा लेकिन जब इस जाँच के परिणाम आएँगे तो कई अधिकारी इसमें और उन पर मुकदमा भी दर्ज होगा और निलंबन भी हो सकता है। Share: