भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwai) ने अपने एक्स अकाउंट पर एक बच्चे की पिटाई का वीडियो अपलोड कर सीएम मोहन यदाव और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का दावा है कि यह वीडियो जबलपुर का है. इस वीडियो में एक युवक डंडे से पांच बच्चों की पिटाई कर रहा है. सभी बच्चों के हाथ-पैरे रस्सी से बंधे हुए हैं.
बता दें पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने यह पोस्ट आज (19 फरवरी) को सुबह डिलीट कर दिया, फिर एक मिनट बाद फिर वीडियो डाला. वीडियो जबलपुर का होने का दावा भी किया गया है. 58 सेकेंड के इस वीडियो में पांचों बच्चे एक ही रस्सी से बंधे हैं. बच्चे चीख-चीखकर रो रहे हैं और युवक से छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं. आसपास काफी भीड़ है, जो बच्चों को छोड़ देने की बात युवक से कह रही है.
पटवारी की पहली पोस्ट
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने पहली पोस्ट में लिखा कि ‘रोते, बिलखते, चीखते इन बच्चों ने सिर्फ कुएं से पानी पी लिया था और यह तालिबानी सजा इसलिए कि यह अनुसूचित जाति से हैं. डॉक्टर मोहन यादव जी, यदि आपकी आंख का पानी उतरा नहीं हो, तो एक-एक आंसू का हिसाब तुरंत दे दें. गौर से देख भी लें कि बीजेपी द्वारा फैलाया जा रहा नफरत का नंगा नाच मासूम जिंदगियों से भी सांसों का सौदा करना चाहता है.’
दूसरी पोस्ट में पीएम को किया टैग
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने फिर डॉक्टर मोहन यादव की जगह पीएम मोदी को टैग किया और लिखा कि दिल दहलाने वाला यह दृश्य पत्थरदिल को भी विचलित कर सकता है. रोते/बिलखते/चीखते इन बच्चों ने सिर्फ कुएं से पानी पी लिया था और यह तालिबानी सजा इसलिए दी गई कि यह मासूम दलित हैं. नरेंद्र मोदी जी गौर से देख लें कि ‘बीजेपी इंडिया’ द्वारा फैलाया जा रहा नफरत का नंगा नाच अब मासूम जिंदगियों से भी सांसों का सौदा करना चाहता है. सोचना यह भी होगा कि कानून से खिलवाड़ करने वाले डॉक्टर मोहन यादव सरकार में ज्यादा क्यों दिखाई दे रहे हैं. दोषियों को चिन्हित करें, मिसाल बने, ऐसी कार्रवाई करें. पूरे दलित समाज से तत्काल माफी मांगे.
बीजेपी प्रवक्ता ने किया पलटवार
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर लिखा कि पता नहीं कांग्रेस झूठ फैलाने का काम क्यों करती रहती है. कभी दिग्विजय सिंह पाकिस्तान का वीडियो लगाकर उसे एमपी का बताते हैं, कभी कमलनाथ बांग्लादेश का वीडियो लगाकर उसे यहां का बताते हैं. अब जीतू पटवारी एक वीडियो लगाकर उसे मध्य प्रदेश का बता रहे हैं, जो कि बिहार का बताया जा रहा है.
जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ कोई मुद्दे नहीं मिल रहे हैं तो कम से कम झूठ तो ना फैलाएं. आपकी वर्तमान में मनोस्थिति हम समझ सकते हैं, लेकिन कम से कम झूठ फैलाने का, प्रदेश को बदनाम करने का पाप तो ना करें. भले आपने इस झूठ के सामने आने के बाद अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है, लेकिन आपको इस महाझूठ के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए.
जबलपुर के एएसपी ने क्या कहा?
वहीं बच्चों की बेरहम पिटाई के वायरल वीडियो को लेकर जबलपुर के एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने कहा कि इस वायरल वीडियो का जबलपुर से कोई भी लेना देना नहीं है. जिले में किसी भी थाने में ऐसी सूचना नहीं मिली है. वहीं एएसपी ने आगे कहा कि बिना तथ्य के ऐसी भ्रामक वीडियो फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.