देश

J&K : पुलिस की हिदायत- छुट्टी के दौरान सुबह-शाम बार-बार घर से बाहर न निकलें सुरक्षाकर्मी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir police) की ओर से नए सिरे से एसओपी (Fresh SOP) जारी करते हुए छुट्टी तथा ड्यूटी खत्म करने के बाद विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत (instruction take special precautions) दी है। पुलिस उच्चाधिकारियों की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि छुट्टी के दौरान सुरक्षा कर्मी अपने क्षेत्र के संबंधित थाने से संपर्क करें ताकि उन पर लगातार निगरानी रखी जा सके।

पुलिसकर्मी व सुरक्षा बलों के जवान सुबह तथा शाम के वक्त बार-बार घर से बाहर न निकलें। सूत्रों ने बताया कि एसओपी में कहा गया है कि छुट्टी के दौरान रूटीन मूवमेंट कतई न करें। अपने खास रिश्तेदार, मित्र तथा अन्य के घर लगातार जाने से बचें।

उसे अपने इलाके में सक्रिय स्थानीय आतंकियों, हाइब्रिड आतंकियों तथा ओवर ग्राउंड वर्कर के विषय में जानकारी होनी चाहिए। एसओजी और वीरता पुरस्कार प्राप्त कर्मचारी छुट्टी के दौरान विशेष तौर पर सतर्कता बरतें।


यदि कोई वारदात होती भी है तो उसे स्थानीय लोगों की मदद से घटना को अंजाम देने वाले को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए। यदि कोई संदिग्ध हरकत दिखे तो उसे स्थानीय थाने को सूचित करना चाहिए। सुरक्षाकर्मियों को अपने मकान के प्रवेश व निकास द्वार की लगातार निगरानी करनी चाहिए।

संभव हो तो सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras) मकान के आसपास लगाएं। आपात स्थिति की तस्दीक के बगैर किसी भी आगंतुक या अतिथि के साथ घर से बाहर न निकलें। ड्यूटी के बाद बिना हथियार के अपने किसी भी परिचित या अपरिचित के साथ न जाएं। एक बार घर बंद हो जाए तो घर की ओर आने वाले सभी अवांछित रास्ते जरूर बंद होने चाहिए।

यदि कोई आगजनी की कोशिश होती है तो घर पर अग्निरोधक यंत्र होने चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों के पास नजदीकी पुलिस स्टेशन, सेना, केंद्रीय बलों के कैंप, अस्पताल, एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड का नंबर होना चाहिए। सुरक्षाकर्मियों को खतरे को भांपते हुए तत्काल रणनीति बनानी चाहिए।

नोडल अफसर नामित
एसओपी में कहा गया है कि प्रत्येक सुरक्षा बलों का प्रत्येक जिले में एक नोडल अफसर होना चाहिए। संबंधित सुरक्षा बल अपने जवानों की स्थानीय यूनिट की मदद से लगातार निगरानी करे। पुलिस के मामले में स्थानीय एसएचओ नोडल अफसर होगा। यदि किसी सुरक्षा जवान या उसके परिवार के सदस्यों को धमकी मिलती है तो उसे तत्काल अपने विभाग को सूचित करना चाहिए।

प्रत्येक जिले को ऐसे जवानों का डाटा बैंक तैयार करना चाहिए जिन्हें अधिक खतरा हो। ऐसे जवानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए वह छुट्टी पर जाने के दौरान संबंधित थाने को जरूर सूचित करे। यदि कोई पीएसओ पर छुट्टी पर जाए तो उसकी सूचना भी स्थानीय थाने को दी जानी चाहिए।

महत्वपूर्ण दिनों पर छुट्टी देने से बचें
एसओपी में इस बात की भी हिदायत दी गई है कि महत्वपूर्ण दिनों तथा जब विशेष इनपुट हो तो सुरक्षा बलों को यथासंभव छुट्टी देने से सुपरवाइजर अफसरों को बचना चाहिए। यदि जवान लंबे समय तक घर पर रुके तो जिला पुलिस को उसे सुरक्षा देनी चाहिए। काम पर लौटने के बाद जवानों से उसके घर पर रुकने के दौरान के हालात के बाबत इंटरव्यू लेना चाहिए ताकि स्थिति का पता चल सके।

Share:

Next Post

डायबिटीज मरीज किडनी को रखना चाहते हैं सुरक्षित तो बेहद काम आएंगी ये टिप्‍स

Mon Dec 5 , 2022
नई दिल्ली। डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी (chronic illness) है जिसके चलते शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ने लगता है. डायबिटीज (Diabetes) को जड़ से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है. डायबिटीज के कारण कई तरह की बीमारियों (diseases) का खतरा बढ़ने लगता है. शरीर में […]