नई दिल्ली। कन्नड़ सुपर स्टार पुनीत राजकुमार (Kannada Superstar Puneeth Rajkumar) के पार्थिव शरीर (mortal remains) का बेंगलुरु में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Funeral with state honors in Bangalore) कर दिया गया है। उन्हें विदाई देने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई(Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai) और दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री के कई सुपर-स्टार(Many superstars of the South film industry arrived) पहुंचे। हालांकि उनका अंतिम संस्कार (Funeral) शनिवार को ही किया जाना था लेकिन, उनकी बेटी वंदिता तब तक अमेरीका से भारत पहुंच नहीं पाईं थीं। इसलिए उन्हें रविवार सुबह परिजनों की मौदूजगी में दफनाया गया।
सीएम बसवराज बोम्मई ने दी आंतिम विदाई
शुक्रवार को पुनीत के निधन की खबर से पूरा देश सदमें में था। फैंस को विशवास नहीं हो रहा था कि उनका चहेता एक्टर ऐसे कैसे जा सकता है। पीएम मोदी और सीएम बसवराज बोम्मई सहित कई दिग्गजों ने उनके निधन पर शो व्यक्त किया। पुनीत के अंतिम दर्शनों के लिए फैंस की इतनी भीड़ जमा हो गई कि हालात बिगड़ता देख प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी।
बेंगलुरु में लगी धारा 144
पुनीत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके निधन की खबर सुनकर ही 2 फैंस की सदमे के चलते मौत हो गई। एक फैन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल, बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगी है और उसे हाई अलर्ट पर रखा गया है। कांतीरवा स्टेडियम, जहां पुनीत की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, वहां शुक्रवार शाम से ही लाखों फैंस अपने पावर स्टार को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे।
लोगों के दिलों में बसते थे पुनीत
सिर्फ 46 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले पुनीत ने आम लोगों के लिए काफी काम किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान पुनीत ने सीएम रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए डोनेट किए थे। पुनीत ने 45 स्कूल, 26 अनाथालय, 16 वृद्धाश्रम, 19 गोशाला और1800 अनाथ लड़कियों की हायर एजुकेशन की जिम्मेदारी उठाई थी।