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जानें कौन सी उम्र में मां बनना होता है सबसे ज़्यादा रिस्की, हो सकते हैं ये नुकसान

नई दिल्ली। पहले के जमाने में लड़कियां अपने करियर, अपने सपनों और लक्ष्यों को लेकर इतना नहीं सोचा करती थी। परिवारों में लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती थी। जब लड़कियों की शादी जल्दी हो जाती थी तो मां भी जल्दी ही बन जाती थी। लेकिन आज के समय में हर लड़की पैरों पर खड़ा होना चाहती है, अपना करियर बनाना चाहती है।

करियर के साथ अपने गृहस्थ जीवन में भी संतुलन की कोशिश में रहती है। इन्हीं कोशिशों में फैमिली प्लानिंग कहीं न कहीं आगे बढ़ती जाती है। आज कई महिलाओं को इस बात की दुविधा होती है कि बच्चे की प्लानिंग (Family Planning) करने की सही उम्र क्या है। वैसे सही उम्र में गर्भधारण से मां और बच्चे दोनों स्वस्थ होते हैं।

ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से शायद आप 30 साल की उम्र के बाद ही मां बनने का फैसला करें। ऐसा हो सकता है पहले आप कुछ सालों तक अपना करियर बनाना चाहती हों या फिर शायद आपको उस सही लाइफ पार्टनर की तलाश में समय लग गया हो, जिनके साथ आप शादी करना और घर बसाना चाहती हों।


30 के बाद प्रेग्नेंट होने पर हो सकती हैं कई परेशानियां : आज हम आपको बता रहे हैं कि 30 साल के बाद गर्भधारण करने पर कौन सी परेशानियां हो सकती हैं। तीस के बाद लड़कियों की उम्र के प्रेग्नेंट होने और बच्चे को जन्म देने से कई समस्यायें पैदा हो जाती हैं। इसमें बच्चे और मां दोनों के लिए ही खतरा होता है। हमने अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों से कहते सुना होगा की सही उम्र में बच्चा पैदा हो जाए तो ठीक है वरना बाद में बहुत परेशानी होती है।

नॉर्मल डिलीवरी की आशंका कम : 30 साल के बाद मां बनने के हालात में नॉर्मल डिलीवरी कम ही होती है। अगर आपकी उम्र 35 साल के पार गर्भ धारण करने वाली महिलाओं में भ्रूण का विकास नॉर्मल तरीके से नहीं होता है। वो या तो बहुत छोटा होता है या बहुत बड़ा।

अपने को जिम्मेदार बनाने की कोशिश : अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर दंपती अपने बच्चे को दुनिया में लाने से पहले कई तरह के विचार करते हैं। उन्हें लगता है कि नन्हें मेहमान को तभी इस दुनिया में लाना चाहिए जब वो उसकी जिम्मेदारी उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएं ताकि वो बच्चे को एक बेहतर जिंदगी दे सकें। और यहीं पर दंपत्ति अपने लक्ष्य पूरा करने के लिए फैमिली प्लानिंग आगे बढ़ा देते हैं।


गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है : 35 के बाद प्रेग्नेंट होने वाली महिलाओं में हाई ब्लड-प्रेशर की समस्या ज्यादातर रहती है। हाई ब्लड प्रेशर न तो मां के लिए अच्छा है और न बच्चे के लिए। 30 साल के बाद गर्भ धारण के लिए डायबिटिज की स्थिति भी खतरनाक होती है। अगर बच्चे का जन्म सर्जरी से होता है तो ये बहुत ही गंभीर हो सकता है। 35 के बाद गर्भ धारण करना मुश्किल होता है, लेकिन इससे भी ज्यादा गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। वैसे तो आजकल आईवीएफ और सरोगेसी जैसे ऑप्शन हैं लेकिन इनके शत-प्रतिशत सफल होने की गांरटी तो नहीं है।

डायबिटिज- हाई ब्लड प्रेशर से पड़ता है असर : 30 से 40 साल की उम्र में अधिकांश महिलाओं की गर्भावस्था में कोई परेशानी नहीं आती, मगर आपकी उम्र जितनी ज्यादा होगी, आपको मधुमेह और उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) जैसी स्वास्थ्य समस्याएं रहने की संभावना ज्यादा होती है। इनका असर आपकी गर्भावस्था और डिलीवरी पर पड़ सकता है। अक्सर देखा गया है कि गर्भपात भी अधिक उम्र की महिलाओं में होता है।

मानसिक तौर पर खुद को करें तैयार : बेहतर होगा कि पहले आप खुद को मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार करें। यदि आप 25 की उम्र में खुद को मां बनने के लिए तैयार नहीं कर पा रही हैं, तो फिर जबरन किसी के कहने पर आप इसे पूरा भी नहीं कर सकतीं। आज के समय में शादी के बाद खुद को नए माहौल में ढालने और घर और दफ्तर के बीच सामंजस्य बिठाने के बाद ही कोई स्त्री मां बनने के बारे में सोच पाती है।

ये है बच्चे को जन्म देने की परफेक्ट उम्र : अगर आपकी शादी 25 की उम्र में होती है, तो आप शादी के तुरंत बाद ही बच्चे को जन्म देने की प्लानिंग कर सकते हैं। बच्चे को जन्म देने के लिए ये सबसे परफेक्ट उम्र होती है। कंसीव करने के लिए 25 की उम्र महिलाओं के साथ पुरुषों के लिए भी सबसे बेस्ट होती है। क्योंकि इस उम्र में स्पर्म सबसे ज्यादा फ्रेश और मैच्योर होता है। मां बनने के लिए अब उम्र की कोई सीमा नहीं रही। तकनीक और लाइफ स्टाइल में आए बदलावों ने अब कुछ देर से मां बनने के सपने को भी साकार करना शुरू कर दिया है यही वजह है कि 34-36 साल की उम्र में भी महिलाएं अब स्वस्थ बच्चे को जन्म दे रही हैं।

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