उत्तर प्रदेश क्राइम देश

गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर हमला करने वाला कौन है, जानिए

गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) के मुख्य गेट पर तैनात दो सिपाहियों पर अराजक तत्वों ने धारदार हथियार (sharp weapon) से हमला कर दिया। एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दूसरा फरार हो गया है। मंदिर को पूरी तरह सील कर फरार आरोपित की तलाश चल रही है।

जानकारी के मुताबिक, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगे पीएसी सिपाहियों पर रविवार की शाम दो अराजक तत्वों ने धारदार हथियार (दाव) से हमला कर दिया। अल्ला-हू-अकबर का नारा लगाते हुए मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे एक हमलावर को सुरक्षाकर्मियों ने दबोच लिया, जबकि दूसरा फरार हो गया। वारदात में लहुलूहान दोनों सिपाहियों को गोरखनाथ चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। पकड़े गए आरोपित के पास से धारदार हथियार, लैपटाप और इंडिगो एयरलाइंस का टिकट मिला है। आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को सोमवार पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया। एसीजेएफ फर्स्ट की अदालत में पेश हुए मुर्तजा को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया है।


जानकारी के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाही गोपाल गौड़ और अनिल पासवान पर धारदार हथियार से हमला किया गया। उनके पैर में गंभीर चोटें आईं हैं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपित गोरखनाथ मंदिर परिसर में घुसना चाहता था, लेकिन सिपाही ने उसे धर दबोचा। आरोपित का नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmed Murtaza Abbasi ) है।

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि उसके पिता मुनीर अहमद भी इंजीनियर हैं। मुर्तजा का परिवार पहले मुंबई में ही रहता था और अक्तूबर 2020 में वहां से गोरखपुर आकर सिविल लाइंस में बस गया। मुर्तजा के परिवार वालों कहना है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं चल रही है। वह शनिवार देर शाम से ही घर से लापता था और वे लोग उसकी तलाश कर रहे थे। इस हमलावर ने पुलिस की पूछताछ में अपना पूरा नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी बताया है, जो कि गोरखपुर के ही सिविल लाइंस में रहने वाले मनीर अहमद का बेटा है। उसका घर अब्बासी नर्सिंग होम के बगल में है। मुर्तजा ने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।

आरोपित अहमद मुर्तजा को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरकार हमलावर की क्या मंशा थी। माना जा रहा है कि पुलिस की जांच में हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश होगा। डीआईजी ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। एजेंसी

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