- जनजातीय प्रकोष्ठ के अफसरों से कहा आदिवासियों के विकास बजट का रखो हिसाब
भोपाल। प्रदेश में जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा एवं विकास के लिए लागू पेसा एक्ट पर राजभवन सीधी निगरानी करेगी। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने जनजातीय मामलों के लिए गठित जनजाति प्रकोष्ठ को इसकी जिम्मेदारी सौप दी है। प्रकोष्ठ के अफसरों से कहा है कि यह देखें कि जनजाति वर्ग के विकास पर खर्च होने वाले बजट का सही उपयोग हो रहा है या नहीं इसका हिसाब रखा जाए।
राज्यपाल पटेल ने जनजातीय प्रकोष्ठ की बैठक में पेसा एक्ट, सिकल सेल एनीमिया निर्मूलन अभियान, विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए दुधारू पशु वितरण, टी.बी. मुक्त मध्यप्रदेश अभियान, क्षमादान, प्रकरण वापसी एवं सनसनीखेज़ अपराध, छात्रवृत्ति एवं छात्र आवास सहायता योजना और जनजाति कार्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। राज्यपाल पटेल ने कहा कि पेसा एक्ट प्रदेश के सभी 89 अनुसूचित जनजाति विकासखण्डों में लागू है। इसके प्रावधानों का पूरी तरह पालन कराना सुनिश्चित कराए। राज्यपाल पटेल ने कहा कि स्व-सहायता समूहों से अधिकाधिक जनजातीय महिलाओं को जोड़ा जाए। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण एवं उत्पादों के विपणन की उचित व्यवस्था की जाए। जनजाति युवाओं को उनके आस-पास के उद्योग परिसरों की आवश्यकता के आधार पर कौशल प्रशिक्षण दिलाया जाए, जिसमें उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार के लिए अधिक दूर न जाना पड़े।
समय पर करें ग्राम सभा का गठन
राज्यपाल ने कहा है कि ग्राम सभा का समयावधि में गठन हो तथा ग्राम सभा नियमाधीन कार्यवाही करे, इसकी मॉनिटरिंग की जाए। साहूकार किसी भी स्थिति में जनजातियों का शोषण न कर पाएँ। प्रवासी मजदूरों का रिकॉर्ड संधारित किया जाये। केन्द्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी प्रवासी मजदूरों की जानकारी रखने के लिए पोर्टल विकसित करे।
सिकल सेव एनीमिया के पीडि़तों का कराएं इलाज
राज्यपाल ने कहा कि झाबुआ एवं अलीराजपुर में सिकल सेल एनीमिया के सर्वे के आंकड़ों का क्रॉस वेरीफिकेशन करवा कर सभी पीडि़तों का प्राथमिकता से इलाज कराया जाए। सभी पीडि़तों को समय पर दवाइयाँ एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन की उचित व्यवस्था की जाये। सिकल सेल एनीमिया पीडि़त को दिव्यांग सर्टिफिकेट दिलाने के लिए उचित कार्यवाही की जाए। सिकल सेल एनीमिया का आयुर्वेद एवं होम्योपैथी से इलाज के लिए भी उचित कदम उठाए जाएँ।
निजी विवि भी गोद लें गांव
राज्यपाल पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए ग्रामों में हर साल नये ग्राम जोड़े जाएँ। साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी स्वेच्छा से ग्रामों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाये। सभी योजनाओं के डेटा को पोर्टल पर समय पर अपलोड किया जाये, जिससे समय पर उचित कार्यवाही की जा सके। राज्यपाल पटेल ने कहा कि चयनित शिक्षकों की समय पर नियुक्ति कराई जाए।
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