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आरोप : नागपुर में Lockdown सरकारी नाकामियों का नतीजा

नागपुर । महाराष्ट्र के नागपुर में भाजपा नेताओं और शहर के व्यापारियों ने 15 से 21 मार्च के दरमियान लॉक डाऊन के ऐलान को सरकारी नाकामी का नतीजा करार दिया है। नागपुर जिले के पालक मंत्री नितीन राऊत ने 11 मार्च को लॉक डाऊन की घोषणा की थी।

नागपुर में पिछले साल 11 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला था। इसके एक साल पूरा होने के बाद भी शहर के हालात में बड़ा सुधार देखने को नही मिला। नतीजतन जिले के पालकमंत्री नितीन राऊत ने 11 मार्च को प्रेस कॉन्फरेन्स कर नागपुर में 15 से 21 तारीख तक लॉक डाऊन का ऐलान कर दिया। नागपुर पुलिस कमिश्नर के तहत जितने भी इलाके आते हैं, उन सभी जगहों पर लॉक डाऊन रहेगा। राज्य सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले पर छोटे कारोबारी और विपक्षी दलो ने आपत्ति जताई है।


मेयर को नहीं दी जानकारी
नागपुर के मेयर दयाशंकर तिवारी ने बताया कि, राज्य सरकार महानगरपालिका को विश्वास में लिए बिना फैसले कर रही है। बतौर तिवारी कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए नागपुर में 24 फरवरी से 7 मार्च के दरमियान शनिवार और रविवार के दिन बाजार बंद रखने का फैसला किया गया था। इस दौरान 27 और 28 फरवरी को शहर में शराब की दुकाने शुरू रखी गईं। इसके चलते इन दुकानो में भीड़ उमड पडी। बंद के दौरान शराब की दुकाने शुरू रहने वाली हैं, इस बात से खुद मेयर अनजान थे। बाद में मेयर के मामले का संज्ञान लेने के बाद शराब कीदुकाने बंद रखी जाने लगी।

कारोबारियो की दिक्कतें बढीं
नागपुर में लगाए जाने वाले लॉक डाऊन से स्थानीय व्यापारी खासे नाराज हैं। व्यापारी नेता चंदन गोस्वामी ने कहा कि, सरकार बिना सोचे समझे फैसले ले रही है। इससे छोटे व्यापारी और दुकानदारों को बडा नुकसान झेलना पड़ रहा है। व्यापारियो के बहीखाते, हिसाब सब दुकानों मे होते हैं। । सरकार ने शराब की ऑनलाईन बिक्री शुरू रखी है, लेकिन छोटे व्यापारियो को जबरन घर पर बिठाया जा रहा है। गोस्वामी ने कहा कि, लॉक डाऊन के अलावा सरकार को किसी अन्य विकल्प पर सोचना चाहिए।

सरकारी तंत्र की नाकामी
बीजेपी के विधायक प्रवीण दटके ने लॉक डाऊन के फैसले पर कडी आपत्ती दर्ज की। दटके ने कहा कि, अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने पर बाजारो में उमडने वाली भीड पर नियंत्रण नही रहा। बिना मास्क लोक सडको पर घूमते रहे, वही सोशल डिस्टेंन्सिंग के बारे में लापरवाही बरती गई। जांच में उदासीनता बरती गई। पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियो ने इसे गंभीरता से नही लिया। नतीजतन कोरोना मरीजो के आकडे़ मे उछाल आया। विधायक ने कहा कि, लॉक डाऊन जैसे कडे फैसलों से स्थानीय बाजार को करोडो रुपये का नुकसान झेलना पडेगा। दटके ने दुबारा लॉकडाऊन लगाने के फैसले को सरकार की घनघोर नाकामी करार दिया। साथ ही दटके ने राज्य की महाविकास आघाडी सरकार पर महामारी के दौरान राजनीति करने का आरोप लगाया।

नागपुर के बिगड़ते हालात
नागपुर में शुक्रवार को 1954 नये कोरोना पॉजिटीव मरीज मिले। वही दिनभर में 12 कोरोना मरीजो कि मृत्यु हो गई। फिलहाल 14 हजार 191 मरीज नागपुर के विभिन्न अस्पतालो में अपना इलाज करवा रहे है। नागपुर शहर में अब तक कुल 1 लाख 65 हजार 14 पॉजिटीव मरीज पाए गये, उनमे से 3 हजार 698 लोगो की मृत्यु हुई है। वही 1 लाख 47 हजार 358 मरीजो को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। कोरोना के बढते मामलो के चलते मरीजो का रिकवरी रेट 88.78 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।

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