भोपाल। Madhya Pradeshकोरोना संक्रमण (Corona infection) की रोकथाम एवं मरीजों के उपचार ( Treatment of patients) के लिये राज्य शासन द्वारा व्यापक स्तर पर प्रबंध किये जा रहे हैं। आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता (Availability of essential drugs and equipment) भी सुनिश्चित की जा रही है जिसमें कि फेफड़ों का संक्रमण (Lung infection mitigators) कम करने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन ( Remedesivir injections) की उपलब्धता के लगातार के सरकारी प्रयास अब सफल होने लगे हैं। प्रदेश में अब तक सात विभिन्न कंपनियों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लगभग दो लाख डोज (Two lakhs of Remedesivir injection) प्राप्त हुए हैं। निजी सप्लाई के 13 हजार 138 डोज प्राप्त हुए, जिन्हें जिलों को वितरित किया जायेगा।
इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिये 95 हजार डोज का कोटा निर्धारित है। प्रदेश के लिए इस कोटे को बढ़ाकर एक लाख 50 हजार डोज करने का अनुरोध भारत सरकार से किया गया है। उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग का क्लीनिकल प्रोटोकॉल भी जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर के लिए इंजेक्शन की आपूर्ति इंदौर से होती है। पूरा स्टाक यहीं पहुंचता है। दस-पंद्रह स्टाकिस्ट के आर्डर पर इंजेक्शन आ रहे हैं। इन्हें सीधे अस्पतालों को भेजा जा रहा है। अस्पतालों की डिमांड के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए इंजेक्शन पहुंचा रहे हैं। अस्पतालों के अलावा जिला प्रशासन रेडक्रास सोसाइटी से भी रेमडेसिविर उपलब्ध करवा रहा है। नियमानुसार डाक्टर की पर्ची, आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी है।
वहीं, दूसरी ओर यह भी देखने में आ रहा है कि इंजेक्शन लेने के लिए कुछ लोगों ने प्रक्रिया को थोड़ा जटिल बना दिया है। वे लोगों को गुमराह कर कहते हैं डाक्टर की पर्ची, आरटीपीसीआर और सिटी स्कैन सीएचएमओ व अन्य अधिकारियों से अटेस्टेड करवाने के बाद दें। इसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं।
Share: