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महाराष्ट्र : मराठा समुदाय को अब ईडब्ल्यूएस में आरक्षण, नया आदेश जारी

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) ने आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (EWS) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण (Reservation to Maratha Community) का लाभ देने की घोषणा की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने सामाजिक रूप से सशक्त इस समुदाय को नौकरियों व शिक्षा में अलग से आरक्षण देने जाने के फैसले को रद्द कर दिया था।
महाराष्ट्र के सामान्य प्रशासन विभाग Department of General Adminstration(जीएडी) द्वारा मराठा समुदाय को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया गया। फिलहाल किसी तरह के आरक्षण के दायरे में नहीं आने वाले वर्ग के लिए 10 प्रतिशत का ईडब्ल्यूएस आरक्षण उपलब्ध है। सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों व शिक्षा में आरक्षण देने के लिए दो साल पहले ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया गया था।



जीएडी के आदेश में कहा गया है कि सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ा (एसईबीसी) श्रेणी में वर्गीकृत मराठा समुदाय 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ ले सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच मई को महाराष्ट्र सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया था, जिसके तहत नौकरियों व शिक्षा में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा था। सरकारी आदेश में कहा गया कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण नौ सितंबर 2020 को अंतरिम स्थगन (मराठा आरक्षण पर) से इस साल पांच मई को सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले तक लागू होगा।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण उन एसईबीसी प्रतिभागियों पर लागू होगा, जिनकी नियुक्ति अंतरिम स्थगन से पहले लंबित थी और उन प्रतिभागियों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने नियुक्तियों और दाखिलों में एसईबीसी आरक्षण का लाभ लिया।
एक अन्य घटनाक्रम में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के पांच मई के फैसले की समीक्षा और सरकार को आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव देने को गठित न्यायमूर्ति दिलीप भोसले समिति का कार्यकाल सात जून तक बढ़ा दिया है। इससे पहले इस बहु सदस्यीय समिति को 31 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी।

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