भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

चित्रा नक्षत्र, शश योग व सुकर्मा योग में मनेगी मकर संक्रांति, चमक जाएगी कई लोगों की किस्मत

  • इन योगों में यदि शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण आदि किया जाए तो किस्मत के बंद दरवाजे खुल जाएंगे

भोपाल। मकर संक्रांति का पर्व इस बार कई शुभ-मुहूर्तों के बीच मनाया जाएगा। शनिवार रात में सुकर्मा योग के बीच मकर संक्रांति शुरू हो जाएगी जो रविवार को दोपहर तक रहेगी। इस दौरान नदियों में डुबकी लगाकर तिल व गुड़ का दान किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. रामगोविंद शास्त्री का कहना है कि रात 3:20 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा और अगले दिन यानी रविवार को दिनभर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान चित्रा नक्षत्र, शश योग व सुकर्मा योग बनेंगे। इन शुभ योग से कई लोगों की किस्मत चमक जाएगी, यानी कई राशि वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इन योगों में यदि शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण आदि किया जाए तो किस्मत के बंद दरवाजे भी खुल सकते हैं।

धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु में जिक्र
त्योहारों की तिथि तय करने वाले ग्रंथ धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु में भी इस बात का जिक्र है कि अस्त होने के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो अगले दिन पर्व मनाते हुए स्नान-दान और सूर्य पूजा करनी चाहिए। इस साल ऐसी ही स्थिति बन रही है। सिंह को मिलेगा लाभ, मीन को मिलेगा कष्टमकर संक्रांति का फल अलग-अलग राशि के जातकों को अलग-अलग मिलेगा।


राशियों पर यह होगा असर
पं. शास्त्री के अनुसार मेष राशि को सम्मान, वृष को भय और मिथुन को ज्ञान वृद्धि, कर्क को कलह, सिंह को लाभ, कन्या को संतोष, तुला को धन लाभ, वृश्चिक को हानि, धनु को लाभ, मकर को इष्ट सिद्धि, कुंभ को धनलाभ और मीन को कष्ट होगा। इस दौरान संक्रांति तिल का दान, भोजन, तिल का उपटन लगाना शुभ होगा। मांगलिक कार्यों की होगी शुरुआत ज्योतिषाचार्य पं. शास्त्री का कहना है कि इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की देर रात मकर संक्रांति का पर्व शुरू होने से शादी, विवाह, जनेउ संस्कार, गृह प्रवेश सहित कई मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के पुण्य काल के दौरान सुकर्मा और पद्म नाम के शुभ योग रहेंगे। वहीं, सूर्य का दिन यानी रविवार भी होगा।

सूर्य पूजा का विशेष महत्व
सूर्य पूजा और किसानों का पर्व इस त्योहार पर सूर्यदेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक पौष महीने में जब सूर्य मकर राशि में आता है, तब ये त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति किसानों का मुख्य पर्व माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य को नई फसलों और नए अनाज से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

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