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मणिपुर हिंसा: शांति समिति का गठन, उग्रवादियों को चेतावनी, केंद्र ने किए 9 बड़े ऐलान

इम्फाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा. लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में शाह ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की.

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से जल्दबाजी में लिए गए फैसले के कारण दो गुटों के बीच हिंसा हुई. केंद्रीय गृह मंत्री ने लोगों से अफ़वाहों पर ध्यान ना देने और राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की और साथ ही उग्रवादी समूहों को चेतावनी दी कि वे अगर संचालन का निलंबन (SOO) संधि का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी जाएगी.


मणिपुर के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 9 बड़ी घोषणाएं:

  • हिंसा के दौरान जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं उनमें से कुल 6 मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराई जाएगी. मणिपुर में हुई हिंसा के पीछे आपराधिक तथा अन्य साजिशों की जांच सीबीआई करेगी.
  • हिंसा होने के कारण क्या हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार है… इन सभी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किया जाएगा.
  • मणिपुर में सुरक्षा की दृष्टि से काम कर रही विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस के सेवानिवृत्त महानिदेशक कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में एक ‘इंटर एजेंसी यूनिफाइड कमांड’ की व्यवस्था की जाएगी.
  • भारत-म्यांमार सीमा का सर्वे होगा. भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए बाड़ लगाने का काम पूरा किया जाएगा. मणिपुर को रेल मार्ग के जरिए भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा. मणिपुर में बन रहे प्लेटफार्म को 1 हफ्ते के भीतर पूरा किया जाएगा.
  • मणिपुर में सक्रिय सशस्त्र बलों को चेतावनी दी गई कि अगर शांति समझौते का उल्लंघन किया गया, तो भारत सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लोगों से अवैध हथियार जमा करने की भी अपील की गई.
  • राज्य में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के खास टीम की तैनाती की गई है.
  • भारत सरकार मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन भी करेगी और इसमें समाज के सभी वर्गों का समावेश होगा और राजनीति दलों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की कि हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को भारत सरकार की ओर से पांच – पांच लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से पांच – पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
  • मणिपुर में जारी संकट का समाधान वार्ता है. पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के ‘बायोमेट्रिक्स’ एकत्र किए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी. अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था.

मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है. कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई. अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है.

 

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