भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सत्ता-संगठन की बैठक में मंत्रियों-नेताओं को मंत्र

  • स्वागत-सत्कार से रहें दूर, प्रभार वाले जिलों में अनिवार्य रूप से 2 दिन रहें
  • जनता को बताएं- मप्र में लागू है 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण
  • बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा

भोपाल। प्रदेश में उपुचनाव और ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर शुक्रवार को भाजपा सरकार (BJP Government) और संगठन की बैठक भाजपा कार्यालय (BJP Office) में आयोजित की गई। इस मौके पर मंत्रियों और नेताओं को मंत्र दिया गया कि वे स्वागत सत्कार से दूर रहें। मंत्री सप्ताह में 2 दिन प्रभार वाले जिलों में अनिवार्य रूप से रहें। जनता को बताएं कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ओबीसी समुदाय (OBC Community) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू है। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश (National Co-Organization General Secretary Shivprakash), मुख्यमंत्री शिवराज (Chief Minister Shivraj) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (State President VD Sharma) मौजूद रहे।
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में आने वाले समय में एक लोकसभा सीट खंडवा (Lok Sabha seat Khandwa) और 3 विधानसभा सीट जोबट रैगांव और पृथ्वीपुर में उपचुनाव होना है। दमोह उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा (BJP) इन चार उपचुनाव को काफी अहम मान कर चल रही है। बैठक में इन सीटों के लिए नियुक्त किए गए प्रभारियों से फीडबैक लिया गया। जिसके आधार पर आगे की चुनावी रणनीति बनाई जाएगी।

मंत्री-नेता मूल काम न भूलें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के दौरान अपने मंत्रियों और पार्टी के सभी पदाधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे सब स्वागत सत्कार से दूर रहें, उनका मूल काम क्या है, वे उसको समझे, समय बहुत कम है, जरूरी यह है कि वे इस समय का उपयोग पार्टी को मजबूत करने में लगाएं। उन्होंने कहा कि वे कल इंदौर गए थे, जहां कई मंच लगे थे। यह परंपरा समाप्त होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वे अभी पार्टी कार्यालय आ रहे थे। मेरे आगे एक नेता जी चल रहे थे, (नाम नहीं बताऊंगा), उनके साथ में उनका सुपुत्र भी था। उनके समर्थक जमकर नारेबाजी कर रहे थे, वे अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझ रहे थे। यह सब ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोग तो स्वागत सत्कार में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे अपना मूल काम भूलकर अन्य कामों में लग जाते हैं।

एससी-एसटी और ओबीसी का दिल जीतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के मामले बहुत सेंसेटिव होते हैं, हमको यह देखना होगा कि हम इनका दिल कैसे जीत सकें। उसके सारे प्रयास करने होंगे। पार्टी और सरकार को इन वर्गों में अपने काम और बढ़ाना होगा। सीएम ने कहा कि सरकार ने हर काम में संगठन की भागीदारी रखने का निर्णय लिया है। इसीलिए क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, वैक्सीनेशन अभियान और अन्न उत्सव अभियान सभी कार्यक्रमों में भाजपा कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है, ताकि वे क्षेत्र में अपनी बातें जनता के बीच रख सकें। कार्यकर्ताओं को इसका आनंद लेना है, यह आनंद ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं जनभागीदारी के काम में होगा।

एजी के अभिमत से अवगत कराया
मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में चल रहे मामले से अवगत कराया। उन्होंने एडवोकेट जनरल पुरुषेंद्र कौरव द्वारा सरकार को दिए अभिमत के हवाले से कहा कि कि सरकारी नियुक्तियों और प्रवेश परीक्षाओं में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दे सकती है। हाईकोर्ट ने सिर्फ 6 प्रकरणों में ही रोक लगाई है। उन्होने बताया कि 1 सितंबर को कोर्ट में होने वाली अंतिम सुनवाई में सरकार बहुत ही मजबूती से पक्ष रखेगी।

समन्वय बनाने के निर्देश
बैठक में जिलों में मंत्री, विधायकों के साथ प्रभारी मंत्रियों से समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रियों से कहा गया है कि वे जिलों में कार्यकर्ताओं की ठीक से सुनवाई करें। दरअसल, सरकार और संगठन स्तर पर यह फीडबैक मिल रहा था कि कुछ जिलों में मंत्रियों द्वारा तवज्जो नहीं मिलने से कार्यकर्ता नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बैठक में साफ तौर पर कहा गया कि हर सीट पर सत्ता और संगठन से नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री और संगठन के नेता आपस में समन्वय करके काम करें। सबसे पहले एक-एक दौरा जल्द करें। इसके अलावा मैदानी स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करें। कहां कितनी बैठकें हुई हैं और कहां नहीं हुई, इसकी पूरी जानकारी लें। जिलाध्यक्षों से इस बारे में पूछे। साथ ही मंडल व वार्ड-गांव स्तर तक प्रभारियों स पूरी जानकारी लेकर अपडेट करें।

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