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अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए ममता ने किया जय श्रीराम का विरोध : विजयवर्गीय

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी के पराक्रम दिवस कार्यक्रम में “जय श्रीराम” नारे का विरोध करने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक मतदाताओं को खुश करने के लिए ही इतने बड़े सार्वजनिक मंच से ममता बनर्जी ने जय श्रीराम का विरोध किया।

विजयवर्गीय ने कहा कि नेताजी के कार्यक्रम को पूरी दुनिया के लोग देख रहे थे, यह भूल कर ममता ने केवल तुच्छ राजनीतिक मानसिकता में ऐसा बर्ताव किया है, जिससे गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित मंच का इस्तेमाल भी ममता बनर्जी ने ‘राजनीति से प्रेरित’ होकर किया है। ममता ने 30 फीसदी मतदाताओं को खुश करने के लिए ऐसा किया।


उन्होंने कहा कि इस राज्य में 70 प्रतिशत मतदाता हमेशा से उपेक्षित रहे हैं। इसलिए इस सरकार को बदलने की जरूरत है। नेताजी पूरे देश और दुनिया के गर्व हैं। ऐसे कार्यक्रम का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटना से नेताजी का अपमान हुआ है। विजयवर्गीय ने किया, ” जय श्रीराम की नारेबाजी में कुछ ऐसा क्या है, जो ममता का अपमान हुआ? भारत माता की जय बोलने पर उनका अपमान क्यों होता है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल के स्वागत के लिए जय श्रीराम के नारे लगाए गए थे। ममता बनर्जी के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। यह उनका राजनीतिक एजेंडा है। आप सब कुछ समझकर समझ गए हैं। उन्होंने राज्य के 30 प्रतिशत मतदाताओं को खुश करने के लिए ऐसा किया। (एजेंसी, हि.स.)

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