विदेश

निवेश बढ़ाने मोदी सरकार दे रही चीनी कंपनियों के FDI प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने कथित रूप से चीन( China)  से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) प्रस्तावों को मंजूरी देने की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। सीमा पर दोनों देशों की सेना (Military) के बीच तनाव के कम होने पर सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।


खबरों के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने यह निर्देश जारी कर सरकारी विभागों से कहा था कि चीन समेत देश के सीमा से लगे सभी देशों के निवेश संबंधी किसी भी मामले में फैसले लेने से पहले सरकार को जानकारी(Information)  देना अनिवार्य है।

सरकार के इस निर्देश के बाद से ही चीनी निवेश के प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जा रहा था। सरकार के विदेश मंत्री (Foreign Minister) ने भी कई बार बयान दिया था कि सीमा की हालात को सही किए बिना बाकी आर्थिक या दूसरे क्षेत्र में संबंधों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।

अब सरकार ने कहा है कि हर चीनी निवेश के प्रस्ताव के बारे में ‘केस-बाय-केस’ विचार करने के बाद फैसला लेगी। मीडिया रिपोर्ट्स (Media Reports) के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में योजनाओं को मंजूरी दी गई थी, हालांकि यह अभी तक “छोटे मामलों” तक ही सीमित है। सूत्रों ने आगे स्पष्ट किया कि गहन जांच के बाद ही सरकार चीन के बड़े निवेश प्रस्तावों पर निर्णय लेगी।

इस प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास में केंद्र ने एक समन्वय समिति का गठन किया है। इस समिति में गृह, विदेशी और वाणिज्य विभाग के अलावा उद्योग मंत्रालय और NITI Aayog के बड़े अधिकारी शामिल हैं।

सरकार ने साफ किया है कि यह समिति हर मामलों को देखने के बजाय बड़े निवेश के मामलों में विचार करेगी। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की तरह यह समिति विदेशी निवेश के हर मामलों पर विचार नहीं करेगी बल्कि कुछ मामलों के फाइल ही यहां जाएंगे।

अक्टूबर में भारत सरकार (Indian Government)ने सभी चीनी विदेशी निवेश प्रस्तावों पर विचार करने व लागू करने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी (Screening Committee) का गठन किया था। इस कमेटी को गैर-विवादास्पद निवेश के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद फैसला करने के लिए कहा गया था।

केंद्र सरकार को अप्रैल 2020 से अब तक चीन की ओर से करीब 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रस्ताव मिले हैं। अब दोनों देशों की सीमाओं (Borders) पर तनावपूर्ण हालात में कुछ सुधार होता दिख रहा है। ऐसे में सरकार इन प्रस्तावों पर फैसला लेकर देश में निवेश (Investment) को बढ़ावा देना चाह रही है।

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