नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने मंगलवार को करीब एक लाख करोड़ रुपये की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना (Employment Linked Incentive (ELI) Scheme) को मंजूरी दे दी। मोदी सरकार की इस योजना में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके जरिए अगले दो वर्षों के दौरान देशभर में साढ़े तीन करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पहली बार नौकरी पाने वाले को इतना होगा फायदा
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि योजना दो हिस्सों में बांटी गई है। भाग-ए में पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को दो किस्तों में एक महीने का वेतन (अधिकतम 15 हजार रुपये) मिलेगा। भाग-बी में तीन हजार रुपये तक प्रति कर्मचारी हर महीने दो वर्ष सीधे नियोक्ता के खाते में दी जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र को दो वर्षों का विस्तारित लाभ भी मिलेगा।
योजना का लाभ एक अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच मिलने वाली नौकरियों पर दिया जाएगा। वैष्णव ने बताया कि इसका लक्ष्य औपचारिक क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार के नए मौके पैदा करना, कार्यबल की रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना है। साथ ही, बेहतर कार्यबल के साथ राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन को गति देना है।
मासिक वेतन के अनुसार मिलेगा लाभ
– पहली बार रोजगार पाने वाले सभी क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
– भाग-ए से करीब 1.92 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिल सकेगा।
– एक लाख रुपये प्रति महीने तक पाने वाले कर्मचारी पात्र होंगे
– राशि का भुगतान कर्मचारी को छठे और 12वें महीने में मिलेगा।
– इससे नए कर्मचारियों में बचत की आदत को बढ़ावा मिलेगा
भाग-बी: कंपनियों को लाभ
– कंपनियों को दो वर्ष तक वेतन के अनुपात में प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह प्रति कर्मचारी अधिकतम 3000 रुपये होगा
– अतिरिक्त कर्मचारी रखने पर हर छह महीने पर भुगतान
– विनिर्माण क्षेत्र से रोजगार देने पर तीसरे और चौथे वर्ष भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
पात्रता की शर्तें
– नियोक्ता को निर्धारित सीमा से अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखना होगा
– ईपीएफओ से पंजीकृत 50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान को न्यूनतम दो अतिरिक्त कर्मचारियों को रोजगार देना होगा
– 50 से अधिक कर्मी वाले प्रतिष्ठानों को न्यूनतम पांच अतिरिक्त कर्मचारियों को रोजगार देना होगा।
– इन अतिरिक्त कर्मचारियों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर नियुक्त करना होगा।
– भाग- ए के तहत सभी भुगतान आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) का उपयोग करके डीबीटी के जरिए किए जाएगा।
– भाग- बी के तहत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन से जुड़े खातों में किया जाएगा।
इस तरह होगा भुगतान
– एक माह के समान वेतन (अधिकतम 15 हजार रुपये) दिए जाएंगे।
– अतिरिक्त कर्मचारी का नियोक्ता को लाभ ईपीएफ वेतन प्रति माह
स्लैब (रुपये में) अतिरिक्त रकम
-10 हजार रुपये तक – 1,000
– 10 से 20 हजार रुपये – 2,000
– 20 हजार से एक लाख तक – 3,000
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