व्‍यापार

LIC : IDBI बैंक में और निवेश से LIC की वित्तीय हालत पर पड़ सकता है असर, IPO के विरोध में उतरा बीएमएस

नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ओर से अपनी सहायक कंपनी आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में किसी भी तरह के अतिरिक्त निवेश से बीमा कंपनी (Insurance company) की वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एलआईसी का आईपीओ (IPO) लाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास हाल ही में दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) से यह जानकारी सामने आई है।

बीमा कंपनी ने डीआरएचपी में कहा कि वित्तीय स्थिति और संचालन को देखते हुए हमारा मानना है कि आईडीबीआई बैंक को इस समय और पूंजी जुटाने की आवश्यकता नहीं है। अगर बैंक को लागू पांच साल की अवधि खत्म होने से पहले अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होती है और वह फंड जुटाने में नाकाम रहता है तो हमें उसमें अतिरिक्त धनराशि डालने की आवश्यकता होगी। हालांकि, इससे हमारी वित्तीय स्थिति और परिचालन परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आईडीबीआई बैंक को मिली पांच साल की अवधि नवंबर, 2023 में समाप्त हो जाएगी।


पिछले साल पीसीए ढांचे से बाहर आया था बैंक
आरबीआई ने दो नवंबर, 2018 को एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में अतिरिक्त इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिए मंजूरी पत्र दिया था। डीआरएचपी के मुताबिक, एलआईसी ने अक्तूबर, 2019 में पॉलिसीधारकों के कोष से आईडीबीआई बैंक में 4,743 करोड़ रुपये निवेश किया था। बैंक ने 19 दिसंबर, 2020 को पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये 1,435.1 करोड़ रुपये जुटाए थे। डीआरएचपी के मुताबिक, कुछ शर्तों के अनुुपालन के बाद आईडीबीआई बैंक को 10 मार्च, 2021 को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) ढांचे से बाहर आया था।

एलआईसी का आईपीओ लाने के विरोध में उतरा बीएमएस
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का अनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ लाने के सरकार के फैसले का विरोध किया है। बीएमएस ने इसे एलआईसी के निजीकरण की ओर पहला कदम बताते हुए 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का समर्थन करने की घोषणा की है।

बीएमएस के महासचिव विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस कदम से एलआईसी में रोजगार के अवसर कम होंगे। कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा प्रभावित होगी। इसलिए बीएमएस ने सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छोड़ने का फैसला किया है। इस क्रम में बीएमएस 17 नवंबर को निजीकरण के खिलाफ बड़ी रैली का आयोजन करेगा। इसमें जीवन बीमा क्षेत्र से जुड़े लाखों कर्मचारी और एजेंट हिस्सा लेंगे।

Share:

Next Post

SBI का दावा, 2005 से 2012 के बीच हुआ सबसे बड़ा बैंक घोटाला, अब पूर्ववर्ती यूपीए सरकार घेरे में

Wed Feb 16 , 2022
नई दिल्ली। हाल ही में उजागर हुए देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले (bank scam) ‘एबीजी शिपयार्ड स्कैम’ (‘ABG Shipyard Scam’) को लेकर सीबीआई (CBI) ने दावा किया है कि यह 2005 से 2012 के बीच हुआ। इस घोटाले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार (Congress central government) पर ‘लूटो और भागो’ की नीति अपनाने […]