बैतूल । भैंसदेही (Bhainsdehi) के वन विभाग कार्यालय (Forest Department Office) में काले हिरण (black deer) का एक माह का बच्चा कुलाचे भरता नजर आ रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी अमित सिंह चौहान ने बताया कि काले हिरण के नर बच्चे को हमारे कर्मचारी द्वारा रोजाना सुबह-शाम एक लीटर दूध (milk) दिया जाता है और दूध भी उस बच्चे को निप्पल से पिलाने का कार्य करते हैं ताकि उसे यह ना महसूस हो कि वह अपने परिवार से और अपनी मां से बिछड़ गया है। बच्चा अभी छोटा है। पिछले एक माह से हम उसे एक इंसान के बच्चे की तरह पाल रहे हैं। उसकी हर जरूरत का ध्यान रखने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे कर्मचारी गुलाब इंगले निरंतर उसकी सेवा में लगे रहते हैं। पिछले एक माह में गुलाब इंगले की बातों को काले हिरण का बच्चा समझने लगा है और गुलाब के बिना अब रह नहीं पाता है, इसलिए हमारा कर्मचारी निरंतर उसकी सेवा में लगा रहता है।
अमित सिंह चौहान ने बताया कि हमने आसपास के ग्रामीणों को भी कहा है कि काले हिरण का झुंड दिख जाए तो बच्चे को फिर से उनके साथ छोड़ दिया जाएगा। काला हिरण शेड्यूल वन का प्राणी है, यानी की अत्यंत विलुप्त प्राय प्रजाति के जानवर उसमें रखे गए हैं। इसलिए इसकी विशेष देखभाल करना जरूरी है।
पिछले एक माह से इस काले हिरण के बच्चे की परवरिश वन विभाग कर रहा है। काले हिरण का बच्चा पलशाय के जंगल में बकरियों के झुंड में आ गया था, जिसकी सूचना बकरी चराने वाले किसान ने वन विभाग को दी थी। अफसरों ने काले हिरण के बच्चे को अपने कब्जे में लिया। पहले उसका इलाज कराया गया। फिर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ने का फैसला भी लिया गया, लेकिन जंगल में काले हिरण का झुंड नहीं मिलने के कारण बच्चे को वन विभाग ने आखिर कार्यालय में ही पालने का फैसला लिया। अधिकारियों का कहना है कि इस काले हिरण के बच्चे को भोपाल के वन विहार में छोड़ने को लेकर कार्रवाई की जा रही है ताकि उसे जंगलों जैसा वातावरण मिल सके।
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